झांसी. आमतौर पर खाप पंचायतों में प्रेम विवाह, गैर जाति में शादी या फिर अन्य किसी आरोपों में बड़े-बड़े फरमान सुनाए जाते हैं. लेकिन बुंदेलखंड के एक गांव में हुई पंचायत पर उत्तर प्रदेश पुलिस में तैनात पुलिस कर्मियों के खिलाफ ही तुगलकी फरमान सुनाने का आरोप लगा है. पुलिस कर्मी के परिजनों ने जब पूरे मामले की शिकायत संपूर्ण समाधान से लेकर पुलिस थाने में की, तो पुलिस हरकत में आई. अब पुलिस ने इस मामले में पंचायत में फरमान सुनाने वाले अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
21वीं सदी में भी अंतर जातीय विवाह पर समाज की दकियानूसी सोच हावी होती हुई दिखाई देती है. समाज की यह सोच गैर जाति में शादी करने के फैसले का कड़ा विरोध करती है. खास तौर पर गांवों में ऐसे मामलों में पंचायतें ऐसे फैसले सुना देती हैं, जिनसे भूचाल आ जाता है. झांसी मुख्यालय से करीब 80 किलोमीटर दूर टोड़ीफतेहपुर थाना क्षेत्र के एक गांव में 13 मई को एक पंचायत बुलाई गई. गांव के मंदिर पर हुई इस पंचायत ने जब अपना फरमान सुनाया, तो पूरा मामला संपूर्ण समाधान दिवस से होते हुए थाने में पहुंच गया. मामला गांव में रहने वाली महिला सिपाही और दरोगा के अंतर जातीय विवाह से जुड़ा हुआ है. इस अंतर्जातीय शादी को लेकर ही गांव में पंचायत हुई. इसके बाद पंचायत पर तुगलकी फरमान सुनाने का आरोप महिला सिपाही के परिजनों ने लगाते हुए पूरे मामले की शिकायत टोड़ीफतेहपुर थाने में की.
पंचायत के दो वीडियो भी वायरल
पंचायत के दौरान बनाए गए दो वीडियो और ऑडियो सोशल मीडिया में वायरल हुए, जिसमें पंचायत में बैठा एक शख्स धमकी देते हुए कह रहा है कि गांव का जो भी व्यक्ति महिला सिपाही के बहिष्कार किए गए परिवार से मुलाकात करेगा, महिला सिपाही के परिजनों के घर जाएगा, तो उस व्यक्ति पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा और मारपीट करके गांव से बाहर भी निकाल दिया जाएगा. साथ ही एक वीडियो भी सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें गांव के मंदिर पर पंचायत होती हुई दिखाई दे रही है. पंचायत में मौजूद महिला सिपाही का सगा चाचा हाथ जोड़कर पंचायत करने वाले लोगों से विनती करता हुआ दिखाई दे रहा है.
दो साल पहले महिला सिपाही ने दरोगा से की थी शादी
लखनऊ में तैनात महिला पुलिस कर्मी ने 2 साल पहले एक दरोगा से कोर्ट मैरिज कर ली थी. पुलिस दंपति के पारिवारिक जनों की आपसी रजामंदी के बाद दोनों ने प्रेम विवाह किया था. महिला पुलिसकर्मी की मां का आरोप है कि जब दोनों ने प्रेम विवाह कर लिया, इसके बाद गांव में हल्दी की रस्म की तैयारी शुरू कर दी गई. जैसे ही महिला सिपाही की हल्दी की रस्म की तैयारी हुई, इसके बाद गांव में एक पंचायत की गई. महिला सिपाही के परिजनों ने पंचायत पर ही आरोप लगाते हुए कहा कि फरमान सुनाया गया कि उनकी बेटी ने गैर जाति के लड़के से शादी की है, इसलिए पंचायत इस पूरे परिवार का हुक्का पानी बंद करने का ऐलान करती है. इस परिवार से गांव का कोई भी व्यक्ति किसी भी तरह का कोई संबंध रखेगा या बातचीत करेगा, तो उस व्यक्ति पर 50 हजार का जुर्माना भी लगाया जाएगा. पीड़ित परिजनों ने यहां तक आरोप लगाया कि पंचायत ने उनके रोजमर्रा के इस्तेमाल की जाने वाली चीजों पर भी रोक लगा दी. पंचायत के इस फरमान से दुखी होकर पूरे मामले की शिकायत पुलिस से करने के बाद संपूर्ण समाधान में भी इस पूरे मामले की शिकायत की गई.
ग्राम प्रधान ने महिला सिपाही के परिवार पर ही लगाया आरोप
वहीं इस बाबत गांव के प्रधान पक्ष का भी आरोप है कि तुगलकी फरमान सुनाने का आरोप लगाने वाले परिवार का एक शख्स 20 साल पहले गांव में प्रधान चुना गया था. तब प्रधानी जीतने के एवज में मंदिर को बनवाने के लिए 2 लाख 15 हजार रुपये की व्यवस्था करने के लिए कहा गया था. तब लड़की पक्ष के लोग तैयार हो गए थे और लड़की पक्ष के लोगों की प्रधानी के चुनाव में जीत भी हुई थी. प्रधानी का चुनाव जीतने के बाद लड़की का पक्ष मंदिर के दिए हुए 2 लाख 15 हजार रुपये नहीं देना पड़े, इसके लिए लड़की की शादी में तुगलकी फरमान सुनाने का बहाना बना रहा है. पंचायत पर जो भी आरोप लगे हैं, वे पूरी तरह से बेबुनियाद हैं. ग्राम प्रधान पर जो भी आरोप लड़की पक्ष लगा रहा है, वे पूरी तरह से गलत हैं. गांव में पंचायत मंदिर के 2 लाख 15 हजार रुपये को लेकर हुई थी. महिला सिपाही का परिवार जानबूझकर अपनी लड़की को मोहरा बनाकर प्रधान समेत पूरी पंचायत को बदनाम करने का काम कर रहा है. ग्राम प्रधान पक्ष का यह भी कहना है कि इस पूरे मामले की शिकायत पुलिस से की जाएगी.
मुकदमा दर्ज कर जांच में जुटी पुलिस
वहीं इस पूरे मामले की जानकारी जैसे ही पुलिस अधिकारियों को हुई, पुलिस अधिकारियों को बतौर सबूत ऑडियो और वीडियो मिले. टोड़ीफतेहपुर थाने में इस मामले को लेकर एक अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराकर पूरे मामले की जांच शुरू कर दी गई है. हालांकि पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मामला पुलिस महकमे से जुड़ा हुआ है, ऐसे में इस पूरे मामले की जांच होने के बाद ही आगे कुछ कहा जा सकता है. फिलहाल गांव में इस तरह का कोई माहौल नहीं है. किसी भी परिवार का कोई हुक्का पानी बंद नहीं किया गया है.