शाश्वत सिंह/झांसी. उत्तर प्रदेश के झांसी में स्थित बुंदेलखंड विश्वविद्यालय को सरकारी अनुदान देने की मांग ने एक बार फिर जोर पकड़ लिया है. बुंदेलखंड निर्माण मोर्चा ने विश्वविद्यालय को एसएफएस से हटाकर सरकारी अनुदान देने की मांग की है. इस मांग से आम जनता को जोड़ने के लिए हस्ताक्षर अभियान चलाया गया. जबकि विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर यह अभियान चलाया गया. इस अभियान से जोड़ने के लिए विश्वविद्यालय के शिक्षकों और विद्यार्थियों से भी अनुरोध किया गया है.बुंदेलखंड विश्वविद्यालय उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र का एकमात्र राज्य विश्वविद्यालय है. 1975 में बने इस विश्वविद्यालय के लिए लंबे समय से सरकारी अनुदान की मांग की जा रही है. बता दें कि अभी तक विश्वविद्यालय को अपना खर्च निकालने के लिए विद्यार्थियों की फीस पर निर्भर रहना पड़ता है. इस वजह से कई कोर्सेज की फीस भी महंगी हो जाती है. इसके साथ ही कई विभागों में शिक्षकों और कर्मचारियों को सैलरी भी ठीक से नहीं मिल पाती है. इन सभी मुद्दों के लिए बुंदेलखंड निर्माण मोर्चा ने यह अभियान चलाया.महंगी फीस देने को मजबूर हैं विद्यार्थीबुंदेलखंड निर्माण मोर्चा के अध्यक्ष भानु सहाय ने कहा कि लंबे समय से बुंदेलखंड को पिछड़ा और गरीब कहा जाता रहा है, लेकिन इसके बावजूद यहां के राज्य विश्वविद्यालय को सरकार द्वारा कोई अनुदान नहीं दिया जाता है. अनुदान ना होने की वजह से ही जहां फीस महंगी है और शिक्षकों की सैलरी कम है. अगर सरकारी अनुदान मिल जाए तो शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा और बुंदेलखंड के विद्यार्थी कम फीस पर अच्छी पढ़ाई कर सकेंगे..FIRST PUBLISHED : May 22, 2023, 15:55 IST
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