शाश्वत सिंह
झांसी. भारत अपनी ऐतिहासिक परंपरा और धरोहरों के लिए दुनिया भर में मशहूर है. यहां की प्राचीण और ऐतिहासिक इमारतों को देखने के लिए दुनिया भर से लोग आते हैं, लेकिन देश में आज भी कई ऐसी ऐतिहासिक इमारतें हैं जो प्रशासन की अनदेखी का दंश झेल रही हैं. ऐसी ही एक इमारत है उत्तर प्रदेश के झांसी के मऊरानीपुर कस्बे में स्थित बुनकरों की गढ़ी. मराठा शासनकाल में बनी यह गढ़ी आज वीरान पड़ी है. यहां लगातार अतिक्रमण होता जा रहा है. यह गढ़ी असामाजिक तत्वों का अड्डा बनती जा रही है. सुखनई नदी के किनारे बनी इस गढ़ी की दीवारों को खराब करने में स्थानीय लोगों ने कोई कमी नहीं छोड़ी है.
मराठा शासकों ने करवाया था निर्माणइस गढ़ी का निर्माण वर्ष 1830 में मराठा शासकों के द्वारा कराया गया था. पूर्व में यह एक महल के आकार में था. इसका निर्माण वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई के द्वारा करवाया गया था. इस महल में महारानी लक्ष्मीबाई की साथी वीरांगना झलकारी बाई रहती थीं. वो यहां रह कर मराठा राजवंश के लिए टैक्स (कर) वसूला करती थीं. झलकारी बाई खुद बुनकर समाज से आती थीं इसलिए कालांतर में इसे बुनकरों की गढ़ी कहा जाने लगा.
बुनकर रख रखाव की जिम्मेदारी लेने को तैयारमऊरानीपुर के स्थानीय बुनकर कंचन कोरी ने बताया कि बुनकर समुदाय के लिए यह गढ़ी ऐतिहासिक स्थल होने के साथ ही श्रद्धा का स्थल भी है. बुनकरों का इस गढ़ी से भावनात्मक रिश्ता है, लेकिन आज इस गढ़ी पर कब्जा होता जा रहा है. प्रशासन से कई बार अनुरोध के बावजूद भी गढ़ी पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. अगर प्रशासन अनुमति देता है तो बुनकर समुदाय खुद गढ़ी का रख-रखाव करने में सक्षम है. साथ ही अगर इस गढ़ी का ध्यान रखा जाए तो यह पर्यटन स्थल के रूप में भी विकसित हो सकता है.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |Tags: Jhansi news, Up news in hindiFIRST PUBLISHED : September 16, 2022, 18:57 IST
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