जहां CM योगी आदित्यनाथ भी झुकाते हैं सिर… जानिए कुशीनगर का ये दिव्य स्थल क्यों है इतना खास!

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कुशीनगर का वो दिव्य स्थल, जहां सिर झुकाते हैं सीएम योगी! जानें क्यों है खास

कुशीनगर: उत्तर प्रदेश के कुशीनगर की पहचान भले ही भगवान बुद्ध और भगवान महावीर की पावन धरती के रूप में होती हो, लेकिन यहां ऐसी कई आध्यात्मिक विरासतें भी हैं, जिनके बारे में कम ही लोग जानते हैं. ऐसी ही एक ऐतिहासिक और पवित्र जगह है बाबा सिद्धनाथ (Baba Siddhnath) की तपोस्थली, जहां आज भी श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है.कुशीनगर जिले के पडरौना नगर से कुछ दूर सुरम्य वातावरण में बाबा सिद्धनाथ का समाधि स्थल स्थित है. इस स्थान का न केवल आध्यात्मिक बल्कि राजनीतिक महत्व भी है. कहा जाता है कि सैकड़ों साल पहले इस धरती पर कई सिद्ध पुरुषों ने तप कर दिव्य शक्तियां प्राप्त की थीं. इन्हीं में सबसे प्रमुख हैं बाबा सिद्धनाथ, जो नौ नाथों में एक और चौरासी सिद्धों में गिने जाते हैं.

1952 में रखी गई थी मंदिर की नींवकहते हैं कि जिस जगह बाबा सिद्धनाथ ने कठोर तप किया, वहां 1952 में एक छोटे मंदिर की स्थापना की गई. यही स्थान बाद में “सिद्धुआ बाबा की तपोस्थली” के नाम से प्रसिद्ध हुआ. धीरे-धीरे इस जगह की ख्याति इतनी बढ़ी कि यूपी-बिहार के दूर-दराज से लोग यहां दर्शन और पूजन के लिए पहुंचने लगे.

अब बन चुका है बड़ा सिद्ध स्थल
साल 2006 में इस स्थान का भव्य रूप से विकास किया गया और एक शानदार मंदिर की स्थापना की गई. तब से लेकर आज तक इस सिद्ध स्थल का लगातार विकास जारी है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भी इस स्थान से विशेष आस्था रही है. बतौर सांसद और अब मुख्यमंत्री रहते हुए, वह इस स्थल के विकास को हमेशा प्राथमिकता देते आए हैं.

बाबा सिद्धनाथ के समाधि स्थल पर हर साल सावन के महीने और नवरात्र के दौरान बड़ा मेला लगता है. हजारों श्रद्धालु यहां आकर दर्शन करते हैं. इसी के साथ हर वर्ष 2 जून को वार्षिक उत्सव का आयोजन होता है, जिसमें अखंड पाठ, विशाल भंडारा और भव्य धार्मिक कार्यक्रम होते हैं.

बाबा की सिद्धियों से जुड़ी आस्था
यह तपोस्थली सिर्फ एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि आस्था, चमत्कार और आध्यात्मिक ऊर्जा का केंद्र है. यहां लगातार जलने वाली धूनी की भभूत को लेने के लिए श्रद्धालु दूर-दूर से पहुंचते हैं. मान्यता है कि इस पवित्र भभूत में विशेष शक्तियां होती हैं.

मंदिर की देखरेख कर रहे महंत योगेश्वर नाथ बताते हैं कि बाबा सिद्धनाथ सिर्फ इस क्षेत्र के ही नहीं, बल्कि पूरे देश के श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र हैं. कई सिद्ध पुरुषों ने इस जगह पर तप किया, लेकिन बाबा सिद्धनाथ की सिद्धियों और तपबल की महिमा सबसे अलग है.

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