Last Updated:May 20, 2025, 19:44 ISTAligarh Muslim University : AMU के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज का ये शोध न केवल मॉर्फिन जैसी लत के इलाज में सहायक हो सकता है, बल्कि हर्बल उपचार की दुनिया में क्रांतिकारी कदम माना जा रहा है. X
मॉर्फिन की लत छुड़ाने में कारगर हो सकता है जायफल, एएमयू के शोध में मिली सफलताहाइलाइट्सजायफल से मॉर्फिन की लत छुड़ाने में मदद मिल सकती है.शोध में चूहों पर सकारात्मक नतीजे मिले हैं.इंसानों पर क्लिनिकल ट्रायल की संभावनाएं हैं.अलीगढ़. नशे की लत से जूझ रहे लोगों के लिए नई उम्मीद सामने आई है. अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज ने मॉर्फिन जैसी घातक लत से छुटकारा दिलाने के लिए प्राकृतिक उपाय खोजने के करीब पहुंच गए हैं. यहां फार्माकोलॉजी विभाग में डॉक्टर अनम और उनके मार्गदर्शक प्रोफेसर जियाउर रहमान के नेतृत्व में इससे जुड़ा शोध किया गया है. इस शोध में घरों में पाए जाने वाले मसाले जायफल को केंद्र में रखा गया है, जिसे चूहों पर किए गए परीक्षणों में सकारात्मक नतीजे मिले हैं. ये शोध न केवल मॉर्फिन जैसी लत के इलाज में सहायक हो सकता है, बल्कि हर्बल उपचार की दुनिया में क्रांतिकारी कदम होगा. आने वाले समय में इंसानों पर इसके क्लिनिकल ट्रायल की संभावनाएं हैं.
लग गए दो साल
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के फार्मोकोलॉजी डिपार्टमेंट की डॉक्टर अनम बताती हैं कि पिछले दिनों मैंने मॉर्फिन पर एक शोध किया. मॉर्फिन एक ऐसा ड्रग है, जिसे डॉक्टर पेशेंट को दवाई के रूप में भी देते हैं. लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो खुद से इसको लेते हैं और इसके आदी हो जाते हैं. मैंने जायफल पर काम किया जो मॉर्फिन की लत से छुटकारा दिलाने में मददगार साबित हो सकता है. नतीजे सकारात्मक मिले हैं. अभी तक हमारी रिसर्च चूहों पर की गई है. इस रिसर्च में करीब 2 साल लग गए.
इसे भी पढ़ें-कुमाऊं यूनिवर्सिटी में ऐसी पहल, छात्रों के लिए वरदान, प्राइवेट कॉलेजों को दे रहा कड़ी टक्कर
28 साल की मेहनत
इस रिसर्च को लीड करने वाले प्रोफेसर जियाउर रहमान का कहना है कि मॉर्फिन पर रिसर्च हमने 27 – 28 साल पहले शुरू की थी. ये वर्क मैं खुद अपने लेवल पर 1997 में स्टार्ट किया था. शुरुआती दौर में मैंने जदवार और जायफल को लिया, जिसके रॉ मैटेरियल पर काम किया. मेरे बाद 5-6 और लोगों ने इसके अलग-अलग तथ्यों के आधार पर काम किया. सात लोगों ने अपनी एमडी पीरियड में थीसिस के लिए इस पर काम किया. अब एनीमल्स पर इसका ट्रायल किया गया, जो सक्सेस रहा. अगर आने वाले समय में इंसानों पर इसका ट्रायल किया जाए तो संभावना है कि ये इंसानों पर भी सफल रहेगा.
भारत पाकिस्तान की ताज़ा खबरें News18 India पर देखेंLocation :Aligarh,Uttar Pradeshhomeuttar-pradeshजायफल से छुड़ाई मॉर्फिन की लत, चूहों पर ट्रॉयल सफल…चमत्कार के करीब AMU