जौनपुर में बरसात के दिनों में डेंगू का खतरा बढ़ जाता है. इस बीमारी से बचाव और इसके लक्षणों के बारे में जानकारी देने के लिए साल्वेशन हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ. विवेक श्रीवास्तव ने महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं. उन्होंने कहा कि बरसात के मौसम में लापरवाही लोगों को बड़ी परेशानी में डाल सकती है, इसलिए सतर्क रहना ही बचाव का सबसे बड़ा उपाय है.
डेंगू के लक्षणों को न करें नजरअंदाज
डॉ. विवेक श्रीवास्तव बताते हैं कि डेंगू की शुरुआती पहचान बेहद जरूरी है. यदि किसी व्यक्ति को अचानक तेज बुखार, पूरे शरीर में दर्द, सिरदर्द, आंखों के पीछे दर्द या त्वचा पर लाल दाने जैसे लक्षण दिखें तो तुरंत जांच करानी चाहिए. अक्सर लोग इसे सामान्य वायरल समझकर इलाज में देर कर देते हैं, जिससे स्थिति गंभीर हो सकती है. डेंगू के मरीज को प्लेटलेट्स की संख्या तेजी से घटने लगती है, जो जानलेवा भी साबित हो सकता है.
सतर्कता से बचा जा सकता है डेंगू से
डेंगू का फैलाव एडीज मच्छर से होता है, जो साफ पानी में पनपता है. डॉ. श्रीवास्तव का कहना है कि डेंगू से बचने के लिए सबसे जरूरी है कि घर और आसपास पानी न जमा होने दें. अक्सर गमले, पुराने टायर, कूलर या छत पर रखे बर्तनों में जमा पानी मच्छरों के प्रजनन का स्थान बन जाता है. समय-समय पर इन जगहों को साफ करना और पानी खाली करना बेहद जरूरी है.
बचाव के आसान उपाय
घर के सभी सदस्यों को मच्छरदानी का उपयोग करना चाहिए. बच्चों और बड़ों को पूरी बाजू के कपड़े पहनने चाहिए. खिड़की-दरवाजों पर जाली लगाना चाहिए ताकि मच्छर घर में प्रवेश न कर सकें. मच्छरों को दूर रखने के लिए बाजार में उपलब्ध मच्छररोधी क्रीम या कॉइल का प्रयोग करना चाहिए. शरीर में बुखार बढ़ने या कमजोरी महसूस होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.
इलाज से ज्यादा जरूरी है समय पर जांच
डेंगू के मामले में सबसे महत्वपूर्ण है कि मरीज की जांच समय पर हो. डॉ. श्रीवास्तव बताते हैं कि अक्सर लोग घरेलू नुस्खों या सामान्य दवाओं पर निर्भर रहते हैं, जिससे स्थिति और बिगड़ सकती है. अगर बुखार लगातार बढ़ रहा है या शरीर में दर्द असहनीय हो रहा है, तो तुरंत ब्लड टेस्ट कराना चाहिए. सही समय पर इलाज मिलने से मरीज पूरी तरह स्वस्थ हो सकता है.
सामूहिक जिम्मेदारी जरूरी
साल्वेशन हॉस्पिटल की ओर से अपील की गई है कि लोग केवल खुद ही नहीं बल्कि अपने आसपास के माहौल को भी साफ-सुथरा रखें. डेंगू जैसी बीमारियों पर नियंत्रण तभी संभव है जब हर नागरिक अपनी जिम्मेदारी समझे और सतर्कता बरते. मोहल्ले, कॉलोनियों और गांवों में जागरूकता अभियान चलाकर भी डेंगू को फैलने से रोका जा सकता है.
बरसात के दिनों में शरीर में दर्द और बुखार को हल्के में लेना खतरनाक हो सकता है. समय पर जांच, सतर्कता और साफ-सफाई से डेंगू से बचाव पूरी तरह संभव है. डॉ. विवेक श्रीवास्तव ने कहा है कि यदि लोग जागरूक रहें और बचाव के उपाय अपनाएं तो इस बीमारी से किसी की जान जाने का खतरा नहीं होगा.