Uttar Pradesh

एनसीआर के छोटे घरों में पाले जाने वाले डॉग्स, छोटी जगहों में नहीं होते चिड़िचिड़े, यहां के लिए ये 4 ब्रीड ही बेस्ट

नोएडा. अगर आप नोएडा या एनसीआर जैसे मेट्रो सिटी के छोटे घरों में रहते हैं और डॉग लवर हैं तो यह खबर आपके काम की है. यहां फ्लैटों का साइज कभी-कभी वॉशरूम के बराबर होता है, ऐसे में डॉग पालने से पहले उसकी ब्रीड चुनना ज्यादा जरूरी है. गलत ब्रीड चुना तो फिर घर में क्यूटनेस नहीं, क्यूट-आतंक शुरू हो जाता है. डॉग बाइट के केस बढ़ने की एक वजह यही ‘मिसमैच्ड ब्रीड सिलेक्शन‘ भी है. डॉक्टर भी यही कह रहे हैं कि छोटे घरों में बड़े ब्रीड को पालना खतरनाक हो सकता है.

लोकल 18 ने इस बारे में नोएडा के वेटरिनेरियन डॉक्टर से बात की. वेटरिनेरियन डॉ. शिवम पटेल बताते हैं कि पिटबुल, पाकिस्तानी रॉटविलर, मेस्टिफ, डॉबरमैन जैसे ब्रीड बेहद पावरफुल और हाई-ड्राइव होते हैं. इन्हें फ्लैट में पालना मतलब मुसीबत को बुलाना है. कई देशों में ये ब्रीड रेगुलेटेड हैं. भारत में भी पिटबुल और पाकिस्तानी बुली जैसी कई ब्रीड पर बैन है. फैमिली फ्रेंडली ब्रीड की बात करें तो शी-जु, पग, गोल्डन रिट्रीवर, लैब्राडोर सबसे सुरक्षित और भरोसेमंद माने जाते हैं.

छोटे घरों के लिए स्मॉल ब्रीड

डॉ. शिवम के मुताबिक, छोटे घरों या फ्लैट में रहने वालों के लिए पोमेरेनियन, पग, ची-हुआ-हुआ, शी-जु जैसी स्मॉल ब्रीड सबसे बेहतर हैं. कम स्पेस, कम एक्सरसाइज, प्यारा स्वभाव और लो बजट में ये आसानी से पाले जा सकते हैं. अगर आपके पास नोएडा के किसी सेक्टर में बड़ा घर है, जहां कुत्ते को कम से कम 20 चक्कर लगाने की जगह मिल जाए, तभी जर्मन शेफर्ड, लैब्राडोर, गोल्डन रिट्रीवर, हस्की, बॉक्सर जैसे बड़े डॉग्स आराम से रह पाएंगे. ये ब्रीड्स न सिर्फ एक्टिव होते हैं, बल्कि लगातार रनिंग-प्ले की जरूरत पड़ती है.

मीडियम ब्रीड के लिए विकल्प

डॉ. शिवम के मुताबिक, नोएडा-NCR जैसे सीमित स्पेस वाले घरों में डॉग ब्रीड का चयन बेहद जरूरी है. छोटे फ्लैटों के लिए पमेरियन, पग, ची-हुआ-हुआ और शी-जू जैसी स्मॉल ब्रीड सबसे अच्छी मानी जाती हैं. मीडियम ब्रीड में बीगल, कोकर स्पेनियल और बुलडॉग बेहतर विकल्प हैं, जबकि बड़े घरों में जर्मन शेफर्ड, लैब्राडोर, गोल्डन रिट्रीवर, हस्की और बॉक्सर जैसे लार्ज डॉग आराम से पाले जा सकते हैं. ग्रेट डेन, सेंट बर्नार्ड और मेस्टिफ जैसी जाइंट ब्रीड को बहुत बड़े स्पेस की जरूरत होती है. रॉटविलर, पिटबुल और डॉबरमैन खतरनाक ब्रीड में गिने जाते हैं, जिनमें से कुछ भारत में बैन भी हैं.

डॉग बाइट के केस बढ़ने की वजह

डॉ. शिवम ने बताया कि डॉग को वॉक पर ले जाना जरूरी है. एक्सरसाइज न मिलने पर बड़े ब्रीड चिड़चिड़े हो जाते हैं और कभी-कभी अपने ही मालिक को काट लेते हैं. छोटे घर में बड़े ब्रीड पालना भावनाओं का नहीं, उनके बिहेवियर पर डिपेंड करता है. बड़ी और खरनाक ब्रीड को कभी छोटे और चार दिवारी के अंदर नहीं पालना चाहिए.

इसलिए, अगर आप नोएडा या एनसीआर जैसे मेट्रो सिटी में रहते हैं और डॉग पालना चाहते हैं, तो अपनी जरूरतों और स्पेस के अनुसार ब्रीड का चयन करें. छोटे घरों में स्मॉल ब्रीड, मीडियम ब्रीड के लिए विकल्प और बड़े घरों में लार्ज डॉग पालना सुरक्षित और स्वस्थ होगा.

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