मई 2025 का महीना क्रिकेट फैंस शायद कभी भूल नहीं पाएंगे. 5 दिनों के अंदर भारतीय क्रिकेट के दो दिग्गज बल्लेबाज रोहित शर्मा और विराट कोहली ने अचानक टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह दिया. RO-KO के इस फाइल्स ने न सिर्फ फैंस को गहरा झटका दिया, बल्कि पूरी दुनिया को चौंका दिया. अब एक और दिग्गज ने चौंकाने वाला खुलासा किया है, जिससे हर कोई हैरान है. दरअसल, इंग्लैंड के महान तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन ने बताया है कि उनका टेस्ट से संन्यास लेने का कोई इरादा नहीं था, लेकिन हेड कोच ब्रेंडन मैकुलम और कप्तान बेन स्टोक्स की वजह से उन्हें यह फैसला लेना पड़ा. गौरतलब है कि 700 से ज्यादा टेस्ट विकेट लेने वाले एंडरसन ने जुलाई 2024 में अपना विदाई टेस्ट मैच खेला.
खुलासे से सब हैरान
इंग्लैंड के महान टेस्ट खिलाड़ी जेम्स एंडरसन ने टेस्ट क्रिकेट से अपने संन्यास के फैसले पर एक खुलासे से सनसनी फैला दी. उन्होंने संकेत दिया कि उन्हें यह फैसला लेने के लिए मजबूर होना पड़ा, क्योंकि हेड कोच ब्रेंडन मैकुलम और कप्तान बेन स्टोक्स ने कहा था कि ‘अब उनके लिए आगे बढ़ने का समय आ गया है.’ बताते चलने कि एंडरसन ने अपना अंतिम टेस्ट मैच 10 जुलाई, 2024 को लॉर्ड्स में वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले टेस्ट मैच में खेला था.
‘संन्यास का दिमाग में था ही नहीं…’
‘द इंडिपेंडेंट’ से बात करते हुए 42 साल के एंडरसन ने खुलासा किया कि वह अपने टेस्ट करियर को खत्म करने से बहुत दूर हैं और वह दो साल और खेल सकते थे. उन्होंने कहा, ‘मैं अभी भी इस बारे में थोड़ा उलझन में हूं. यह उन चीजों में से एक है जो मेरे हाथ से बाहर थी. उन्होंने मुझे टीम में रखने से दूर जाने का फैसला किया. उस समय यह काफी दुखद था. मैं अपने आखिरी टेस्ट मैच से पहले टेस्ट क्रिकेट के अगले 6, 12, 18 महीनों के लिए तैयारी कर रहा था. मेरे दिमाग में रिटायरमेंट के बारे में कहीं भी नहीं था. मुझे लगा कि मेरे अंदर अभी भी खेलने, कड़ी मेहनत करने, ट्रेनिंग लेने और स्किल दिखाने की इच्छा और भूख है.’
तुरंत किया संन्यास का ऐलान
टेस्ट क्रिकेट के इस महान तेज गेंदबाज को पिछले साल मई में इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड के प्रबंध निदेशक रॉब की, मैकुलम और स्टोक्स ने बताया था कि अब वह टेस्ट क्रिकेट में खेलने की योजना में नहीं हैं. एंडरसन ने इसके अगले महीने अपना अंतिम मैच खेलने से पहले उसी सप्ताह अपने संन्यास की घोषणा की.
एंडरसन ने आगे कहा, ‘अगर मैं वेस्टइंडीज के उस टेस्ट मैच के बाद टीम छोड़ देता, तो मेरे लिए हर चीज को समझना और इस फैक्ट से निपटना ज्यादा मुश्किल होता कि यह खत्म हो गया है. टीम के साथ बने रहना और अभी भी ड्रेसिंग रूम में रहना, अभी भी टेस्ट मैचों पर प्रभाव डालने की कोशिश करना, मुझे लगता है कि यह मेरे लिए अच्छा था. रिएक्शन मेरी उम्मीद से कहीं ज्यादा था. वेस्टइंडीज के खिलाफ वह आखिरी दिन, मुझे लगता है कि उस आखिरी सुबह सिर्फ एक घंटे का खेल था, लेकिन मैदान खचाखच भरा हुआ था. वहां फैंस की भीड़ देखना अद्भुत था.’
‘दरवाजा बंद हो चुका है’
इस दिग्गज ने आगे कहा, ‘ईमानदारी से कहूं तो मुझे लगता है कि दरवाजा शायद बंद हो चुका है. अगर मुझे फोन आता तो मैं इस बारे में गंभीरता से सोचता, लेकिन मुझे नहीं लगता कि ऐसा होने वाला है. मुझे नहीं लगता कि मैं इससे ज्यादा दूर हो सकता हूं. मुझे लगता है कि मेरे नाम पर विचार किए जाने के लिए गंभीर चोटों की संख्या होनी चाहिए.’
एंडरसन का टेस्ट करियर
जेम्स एंडरसन ने 22 मई 2003 को जिम्बाब्वे के खिलाफ लॉर्ड्स में अपना टेस्ट डेब्यू किया था. शुरुआती दौर में उन्हें निरंतरता बनाए रखने में थोड़ी परेशानी हुई, लेकिन धीरे-धीरे उन्होंने अपनी स्विंग गेंदबाजी पर महारत हासिल की और इंग्लैंड के प्रमुख तेज गेंदबाज बन गए. जेम्स एंडरसन टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले तेज गेंदबाज हैं. उन्होंने अपने करियर का अंत 704 टेस्ट विकेट के साथ किया है.
टेस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाजों की लिस्ट में वह श्रीलंका के मुथैया मुरलीधरन (800 विकेट) और ऑस्ट्रेलिया के शेन वॉर्न (708 विकेट) के बाद तीसरे स्थान पर हैं. एंडरसन ने 188 टेस्ट मैच खेले हैं, जो भारत के सचिन तेंदुलकर (200 टेस्ट) के बाद दूसरे सबसे ज्यादा टेस्ट मैच खेलने वाले खिलाड़ी हैं. वह सबसे ज्यादा टेस्ट मैच खेलने वाले तेज गेंदबाज भी हैं. उन्होंने अपने टेस्ट करियर में 32 बार एक पारी में 5 या उससे अधिक विकेट लिए हैं. इतना ही नहीं उन्होंने टेस्ट में 3 बार एक मैच में 10 या उससे अधिक विकेट भी लिए हैं. ये आंकड़े उन्हें महान गेंदबाज बनाते हैं.