सौरव पाल/मथुरा. वृंदावन मंदिरों की भूमि है और माना जाता है कि वृंदावन में सभी 33 कोटि देवी देवताओं का वास है और वृंदावन में सभी त्योहार मनाए जाते हैं. उसी परंपरा के चलते 20 जून को वृंदावन में जगन्नाथ पुरी रथ यात्रा के वृंदावन के राधारमण मंदिर में भगवान ने सोने चांदी के बने रथ पर विराजमान हो कर भक्तों को दर्शन दिए.250 साल से अधिक पुराना है रथवृंदावन का श्री राधा रमण मंदिर वृंदावन के सबसे प्रसिद्ध और सप्तदेवालयों में से एक है 20 जून को जगन्नाथ रथ यात्रा के महोत्सव के दिन इस मंदिर में भगवान श्री राधारमण जी ने भक्तों को स्वर्ण जड़ित रथ पर बैठ कर दर्शन दिए. मंदिर सेवायत जयतिकृष्ण गोस्वामी ने बताया कि श्री जगन्नाथ पुरी रथ यात्रा के दिन भगवान राधारमण को स्वर्ण जड़ित चांदी के रथ पर विराज कर भक्तों को दर्शन देते है जो को करीब 250 साल से अधिक पुराना है.जिसका वजन करीब 100 किलो से भी अधिक है और जैसे भगवान जगन्नाथ पुरी में रथ यात्रा पर निकलते है. उसी भाव से राधारमण मंदिर में भगवान भी एक छोटे से रथ पर सवार हो कर मंदिर परिसर में ही भ्रमण करते है. उन्होंने आगे बताया कि यह परंपरा मंदिर में करीब 500 साल से भी अधिक समय से चली आ रही है और रथ के दर्शन मंदिर साल सिर्फ एक ही बार होते है.इस दिन लगता है ठाकुर जी को विशेष भोगइस दिन ठाकुर जी को कई विशेष चीजों का भोग लगाया जाता है जिसमे ऋतु फल जिसमे आम,जामुन उसके साथ चने और हरी मूंग की दल के साथ शरबत और ठंडाई का भोग लगाया जाता है.FIRST PUBLISHED : June 20, 2023, 23:23 IST
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