वसीम अहमद /अलीगढ़. दुनियाभर में इस समय इज़राइल और फिलिस्तीन दोनों देशों के मध्य चल रहे युद्ध की चर्चाएं तेज हैं. इजरायल और फिलिस्तीन के बीच चल रहे युद्ध के बाद देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इज़राइल का समर्थन किया तो वहीं दूसरी ओर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्रों द्वारा फिलिस्तीन के समर्थन में प्रदर्शन किया गया. फिलिस्तीन के समर्थन में एएमयू छात्रों द्वारा प्रोटेस्ट मार्च भी निकाला गया.

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्रों का कहना है कि जिस तरह इजरायल द्वारा फिलिस्तीन पर ज़ुल्म किया जा रहा है वह सही नहीं है. अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्र जानिब हसन ने कहा कि हम हमेशा जुल्म के खिलाफ आवाज उठाते रहेंगे. जुल्म करने वालों के खिलाफ आवाज उठाना कब से गलत होने लगा. पूरी दुनिया जानती है कि फिलीस्तीन के लोगों पर जुल्म हो रहा है. संयुक्त राष्ट्र हमेशा अपने फायदे के लिए इजरायल को समर्थन करता रहा है.

एएमयू के छात्र फिलिस्तीन के समर्थन में

एएमयू छात्र नेता आरिफ खान ने कहा कि गाजा विवाद एक विवाद नहीं बल्कि इंसानियत का कत्ल है. 1948 के बाद हमेशा से यह विवाद चल रहा है यह विवाद जमीन के लिए है. यह युद्ध जमीन को लेकर है जो जमीन फिलिस्तीन द्वारा कभी इज़राइल को खैरात में दी गई थी. उस जमीन पर इजरायल आज अपना कब्जा जमाए हुए बैठा है और फिलीस्तीन के लोगों पर बच्चों पर जुल्म कर रहा है जो एक इंसानियत का कत्ल है. 1948 के बाद से ही यह लड़ाई चली आ रही है.

युद्ध के नुकसान जनता को भुगतने पड़ते हैं

छात्र नेता ने कहा कि मैं बस इतना कहना चाहता हूं कि हम सबको पता है कि इस लड़ाई में कहीं ना कहीं धर्म को जोड़ा जा रहा है. हमास हो या कोई भी दूसरा मुल्क हो युद्ध में सबका का ही नुकसान होता है. मेरा मानना है कि हम युद्ध कर लें लेकिन युद्ध के नुकसान और युद्ध के नतीजे जो होते हैं वह इंसानियत के कत्ल के जिम्मेदार होते हैं. हमास पर हमला हो या इसराइल पर हमला हो हमला तो हमला होता है चाहे वह हमास करें या इसराइल करें. दो देशों के बीच हुए युद्ध के नुकसान दोनों देशों की जनता को भुगतने पड़ते हैं जो की बिल्कुल भी सही नहीं है.
.Tags: Hamas attack on Israel, Hindi news, Israel-Palestine, Local18, UP newsFIRST PUBLISHED : October 12, 2023, 08:24 IST



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