सनन्दन उपाध्याय/बलिया: जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय बसंतपुर बलिया ने रामलला के प्राण प्रतिष्ठा को आधार बनाकर एक नई पहल की है. राजभवन के निर्देश पर अंतरिक्ष वेधशाला सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है. इस अंतरिक्ष सप्ताह में बच्चों को रामायण का जीवंत वर्णन कराया जा रहा है, ताकि बच्चे अपने भविष्य को सुनहरा, सुखद और शांतिमय बना सके. प्रभु राम के समय की सुख शांति फिर एक बार पूरी तरह से धरती पर उतर जाए. जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय के कई भाग वन का अनुभव कराते हैं. उसके आधार पर बच्चों ने प्रभु राम के वन गमन का बहुत ही शानदार जीवंत वर्णन करते नजर आए हैं.

आप वीडियो में देख सकते हैं कि कैसे छात्राएं माता सीता का रूप धारण कर अशोक वाटिका में पौधा रोपण कर रही हैं. इन बच्चियों की माने तो भगवान राम के वन गमन से अनेकों शिक्षा मिलती है. कैसे दुख का सामना करना चाहिए, कैसे स्थिति के अनुसार मनुष्य को अपने में परिवर्तन लाना चाहिए. जैसे तमाम सफल जीवन से जुड़ी हर घटना रामायण में वर्णित है. रामायण एक सफल जीवन प्राप्त करने का बहुत बड़ा माध्यम है. रामायण सुख, आनंद और शांति का भंडार है.

जीवंत वर्णन किया जा रहा

विश्वविद्यालय के समाजशास्त्र विभाग की सहायक अध्यापिका डॉ. स्मृता त्रिपाठी ने कहा कि राजभवन के निर्देश पर छात्र-छात्राओं के द्वारा विश्वविद्यालय परिसर में प्रभु राम, माता सीता और लक्ष्मण जी के चरितार्थ का जीवंत वर्णन किया जा रहा है. अभी तक बच्चे रामायण की कहानी सुनते आ रहे थे. अब वही बच्चे खुद रामायण का जीवंत वर्णन कर रहे हैं. इस कार्यक्रम का नाम ही अंतरिक्ष वेधशाला रखा गया है. बच्चों के मुताबिक इस कार्यक्रम से एक अलग आनंद, सुख और शांति की अनुभूति हो रही है.

भगवान राम के वन गमन में छिपा है सफल जीवन का उद्देश्य

छात्र आद्या विश्वकर्मा ने बताया कि रामलला प्राण प्रतिष्ठा को लेकर यह प्रतियोगिता चल रही है. जिसमें हम सभी प्रभु राम, माता सीता और लक्ष्मण जी की कहानियों का जीवंत अनुभव कर रहे हैं. जैसे – भगवान ने वन गमन कैसे किया?, कैसे उन्होंने दुख का सामना कर लिया, कैसे वन में अपने आप को समेट लिए इन सभी विषयों का जीवन का वर्णन करने से शरीर में एक नई एनर्जी का समावेश हो रहा है. राम के समय में जो सुख और शांति थी उसको हमने अनुभव किया. मतलब रामायण के अनुसार हर सुख को प्राप्त किया जा सकता है.

इन बच्चों का राजभवन करेगा उत्साहवर्धन

बच्चों के उत्साहवर्धन के लिए राजभवन से सर्टिफिकेट और पुरस्कार भी प्रदान किए जाएंगे. अंतरिक्ष वेधशाला के वेबसाइट पर बच्चों का चित्रकला अपलोड किया जाएगा, जो देश-दुनिया देखेगी. इससे बच्चे अपने जीवन को सफल बनाएंगे और रामराज का स्थापना करेंगे.
.Tags: Ballia news, Local18FIRST PUBLISHED : February 13, 2024, 19:09 IST



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