Uttar Pradesh

इस शहर के नाम होगा साल 2026! बनेगा नमो भारत कॉरिडोर, प्लांड सेक्टरों में सस्ती जमीन के लिए मचेगी होड़

NamoBharat RRTS corridor benefit to Faridabad: यह साल खत्म होने वाला है और नया साल 2026 आने वाला है. 2025 में प्रॉपर्टी में दिल्ली-एनसीआर के लग्जरी और प्रीमियम हाउसिंग सेगमेंट ने रिकॉर्ड तोड़ दिया है, इसका सबसे बड़ा फायदा गुरुग्राम और नोएडा को मिला है, लेकिन 2026 में यह लाइमलाइट गुरुग्राम और नोएडा नहीं बल्कि एनसीआर का एक और शहर ले जा सकता है. दिल्ली से सटा यह शहर नए साल में प्रॉपर्टी डिमांड के मामले में गुरुग्राम और नोएडा को पीछे छोड़ सकता है.

हम बात कर रहे हैं फरीदाबाद की. गुरुग्राम, फरीदाबाद और नोएडा को जोड़ने वाला प्रस्तावित 15,000 करोड़ रुपये का नमो भारत रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) कॉरिडोर इस शहर को नई ऊंचाई पर ले जा सकता है. अभी तक गुरुग्राम और नोएडा से सीधी कनेक्टिविटी के लिए इंतजार कर रहा फरीदाबाद अब दिल्ली-NCR क्षेत्र का एक लैंडमार्क सिटी बनने की दिशा में बढ़ रहा है.

NCRTC द्वारा नमो भारत आरआरटीएस के लिए डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) फाइनल कर दी गई है. इससे साल 2026 में बनने की पूरी संभावना है. ऐसे में फरीदाबाद से गुरुग्राम और नोएडा व ग्रेटर नोएडा की दूरी इस एलिवेटेड, हाई-स्पीड कॉरिडोर से 1 घंटे से भी कम समय में पूरी होने की उम्मीद है, जिससे रीजनल मोबिलिटी में काफी बदलाव आने वाला है, और यह आने वाले समय में फरीदाबाद शहर के लिए एक गेम चेंजर बनने वाला है.

सवाल यह भी है कि कॉरिडोर तो नोएडा और गुरुग्राम को भी कनेक्ट करेगा, तो फिर फरीदाबाद को सबसे ज्यादा फायदा कैसे होगा? तो आपको बता दें कि फरीदाबाद में सबसे बड़ा बदलाव इसलिए देखने को मिल सकता है क्योंकि यह पारंपरिक रूप से गुरुग्राम या सेंट्रल नोएडा से ज्यादा सस्ता है. साथ ही इसकी ग्रोथ लंबे समय से कनेक्टिविटी को लेकर बनी सोच की वजह से रुकी हुई थी. एक डेडिकेटेड रैपिड रेल कॉरिडोर की शुरुआत इस इक्वेशन को पूरी तरह से बदल देगी. ऐसे में रोजगार केंद्रों तक तेजी से पहुंच से फरीदाबाद को बाहरी ऑप्शन से एक मेन रहने की जगह बनाया जा सकता है, खासकर उन परिवारों के लिए जो बिना नौकरी से दूर हुए, बड़े घर, हरियाली और अच्छी तरह से प्लान की गई कम्युनिटी चाहते हैं.

कीमतों में काफी सस्‍ता फरीदाबाद 

वहीं प्राइस ट्रेंड्स के नजरिए से बता करें तो यह भी फरीदाबाद के फेवर में है . साल 2025 में, गुरुग्राम में घरों की औसत कीमतें 11,000–12,000 रुपये प्रति sq ft होने का अनुमान है, जबकि नोएडा में यह लगभग 9,000–9,500 रुपये प्रति sq ft है. इसके उलट, फरीदाबाद लगभग 4,000–5,000 रुपये प्रति sq ft पर काफी सस्ता बना हुआ है, जिससे कनेक्टिविटी बेहतर होने पर कीमतों में बढ़ोतरी की ज्यादा गुंजाइश है.

एनसीआरटीसी सीपीआरओ, पुनीत वत्स कहते हैं कि यात्रा में लगने वाले समय को कम कर नमो भारत क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बेहतर बना रहा है. साथ ही, यह इस कॉरिडोर के आसपास प्लान्ड रियल एस्टेट डेवलपमेंट को सपोर्ट कर, संतुलित, सतत और बहुकेंद्रित विकास को बढ़ावा दे रहा है.

नमो भारत कॉर‍िडोर होगा गेम चेंजर 

इंडस्ट्री लीडर्स भी यही बात कहते हैं. नियोलिव के फाउंडर एंड सीईओ मोहित मल्होत्रा कहते हैं कि नमो भारत कॉरिडोर में यह पोटेंशियल है कि यह घर खरीदने वालों का NCR को देखने का नजरिया बदल सकता है, क्योंकि इससे शहर के बीच का सफर तेज हो जाएगा. यह फरीदाबाद, गुड़गांव और नोएडा की सुनहरी तिकड़ी को आपस में जोड़ता है, जिससे आना-जाना आसान होगा. फरीदाबाद एनसीरआर का तीसरा मेगा सिटी बनकर उभर रहा है और उन परिवारों के लिए एक मजबूत पसंद है जो कमर्शियल हब तक पहुंच खोए बिना लग्जरी कम्युनिटी और बड़े, व्यवस्थित हरे-भरे माहौल की तलाश में हैं.

नियोलिव और बीपीटीपी जैसे डेवलपर्स, जिनके पास फरीदाबाद में काफी जमीन है, इस बदलती डिमांड को पूरा करने के लिए अच्छी स्थिति में हैं. जैसे-जैसे खरीदार की पसंद सुविधाओं से भरपूर, कम्युनिटी-ओरिएंटेड घरों की ओर बढ़ रही है, जिन्हें भरोसेमंद डिलीवरी का सपोर्ट है, अच्छी तरह से जुड़े माइक्रो-मार्केट में उनकी मौजूदगी उन्हें अगले ग्रोथ साइकिल में सबसे आगे रखती है.

बीपीटीपी के सीईओ, मानिक मलिक कहते हैं कि आने वाला नमो भारत RRTS कॉरिडोर पूरे NCR में इंटीग्रेटेड मोबिलिटी को मजबूत करने में एक अहम मील का पत्थर है. गुरुग्राम, फरीदाबाद, नोएडा और ग्रेटर नोएडा के बीच तेज, मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी को मुमकिन बनाकर, यह ज्यादा समावेशी और आसान शहरी विकास की नींव रखता है. खास तौर पर, फरीदाबाद को इस बेहतर रीजनल इंटीग्रेशन से फायदा होने की उम्मीद है, जिससे रहने वालों और बिजनेस दोनों के लिए ज्यादा सुविधा और रहने की सुविधा मिलेगी.

फरीदाबाद में रहते हुए एनसीआर में काम करना होगा आसान यह कॉरिडोर गुरुग्राम में, RRTS NH-8, द्वारका एक्सप्रेसवे, मेट्रो नेटवर्क और सदर्न पेरिफेरल रोड जैसे मौजूदा इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ आसानी से जुड़ जाएगा. बेहतर रीजनल मोबिलिटी से इसके कॉर्पोरेट हब के लिए रेजिडेंशियल एरिया बढ़ने की उम्मीद है, जिससे प्रोफेशनल्स गुरुग्राम में काम करते हुए फरीदाबाद या नोएडा में रह सकेंगे. नमो भारत कॉरिडोर के पिछले अनुभव से पता चलता है कि स्टेशन अक्सर लोकल डेवलपमेंट को बढ़ावा देते हैं, जिससे हाउसिंग, रिटेल और फ्लेक्सिबल वर्कस्पेस की मांग को सपोर्ट मिलता है.

नोएडा और ग्रेटर नोएडा, जो पहले से ही मज़बूत मेट्रो और एक्सप्रेसवे कनेक्टिविटी से जुड़े हैं, उन्हें गुरुग्राम और फरीदाबाद तक तेज, सीधे एक्सेस से फायदा होगा. जैसे-जैसे आने-जाने का समय कम होगा और ज्यादा भरोसेमंद होगा, घर खरीदने वाले, खासकर युवा प्रोफेशनल, दूरी के बजाय किफायत और लाइफस्टाइल को प्राथमिकता दे सकते हैं, जिससे मिड-इनकम, अपर मिड-इनकम और रेंटल हाउसिंग सेगमेंट में डिमांड बढ़ेगी.

सैम चोपड़ा, प्रेसिडेंट और कंट्री हेड, ईएक्सपी रियल्टी इंडिया, कहते हैं कि गुरुग्राम-फरीदाबाद-नोएडा नमो भारत RRTS कॉरिडोर के लिए DPR का फ़ाइनल होना NCR के शहरी और रियल एस्टेट विकास के अगले चरण के लिए एक अहम पल है. जैसे-जैसे NCR के प्रमुख हब में कनेक्टिविटी मजबूत होगी, डिमांड स्वाभाविक रूप से उभरते, ट्रांजिट-लिंक्ड कॉरिडोर की ओर बढ़ेगी.

ट्रांसपोर्टेशन के अलावा, यह कॉरिडोर हाउसिंग प्रेफरेंस, प्राइसिंग ट्रैजेक्टरी और लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टमेंट सेंटिमेंट को प्रभावित करने के लिए पूरी तरह से तैयार है. तेज, प्रेडिक्टेबल क्रॉस-सिटी ट्रैवल घर खरीदने वालों को सिर्फ निकटता के बजाय लाइफस्टाइल, स्पेस और अफोर्डेबिलिटी को प्रायोरिटी देने की सुविधा देता है, जबकि इन्वेस्टर आमतौर पर अच्छी तरह से कनेक्टेड ट्रांजिट कॉरिडोर के साथ लगातार वैल्यू क्रिएशन देखते हैं.

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