Uttar Pradesh

इस महिला ने किताबों को बनाया अपना दोस्त, यहां मुंशी प्रेमचंद के उपन्यास से लेकर गांधी की आत्मकथा है मौजूद



सिमरन जीत सिंह/शाहजहांपुर. कहते हैं कि किताबें आपकी सच्ची दोस्त होती हैं और यह दोस्त आपके हर सवाल का जवाब देती हैं. खास बात यह है कि जब आप चाहे यह आपके साथ मौजूद रहती हैं. किताबों से ऐसी ही दोस्ती शाहजहांपुर की एक महिला की है. इस महिला के पास थोड़ी बहुत नहीं बल्कि 1500 के करीब किताबों का कलेक्शन है. खास बात यह है कि इनमें कई किताबें करीब 100 साल पुरानी हैं.

जी हां, हम बात कर रहे हैं शाहजहांपुर की रहने वाली रचना मोहन की. जिनको किताबों का यह कलेक्शन विरासत में मिला. रचना मोहन बताती हैं कि उनके ससुर को किताबों से बेहद लगाव था और खुद भी किताबें पढ़ने और संग्रह करने का शौक है. रचना मोहन के पास साहित्य उपन्यास और कहानियों की किताबें मौजूद हैं. रचना मोहन बताती हैं कि उनके यहां देश के जाने-माने साहित्यकारों की महफिल में सजा करती थी. उनके ससुर को साहित्य में बहुत लगाव था.

दशकों पुरानी किताबों का है संग्रह

रचना मोहन के पास 98 साल पहले इलाहाबाद इंडियन प्रेस लिमिटेड द्वारा प्रकाशित की गई रामचरितमानस, पंडित कृष्ण प्रसाद त्रिवेदी द्वारा लिखी हुई धनवंतरी की किताब जिसमें वन औषधीय का प्रयोग कैसे करें उसके बारे में विस्तृत लिखा गया है. इसके अलावा भगवान कृष्ण की लीलाओं पर आधारित भक्ति सागर ग्रंथ जो कि पंडित शिवदयाल गौड़ ने लिखा है वह भी रचना मोहन सहेजे हुए हैं. रचना मोहन के पास स्वामी विवेकानंद द्वारा लंदन में दिए गए चर्चित संबोधन से जुड़ी किताब ‘व्यवहारिक जीवन में वेदांत’ भी मौजूद है. इसके अलावा स्वामी विवेकानंद जी की ही देववाणी नाम की पुस्तक जिसमें अमेरिका में स्वामी विवेकानंद द्वारा दिए गए संबोधन का अनुवाद किया गया है. रचना मोहन के पास मथुरा दास त्रिकम की वह किताब भी मौजूद है जिसमें महात्मा गांधी की आत्मकथा को लिखा गया है. इसके दोनों भाग उनके पास आज भी मौजूद हैं.

मुंशी प्रेमचंद के उपन्यास भी सहेजे

रचना मोहन के पास देवकीनंदन खत्री द्वारा लिखी हुई किताब चंद्रकांता के सभी 6 भाग उनके पास मौजूद हैं. आपको बता दें कि चंद्रकांता की इसी कहानी पर प्रसिद्ध धारावाहिक भी बनाया गया था. इसके अलावा मुंशी प्रेमचंद की गोदान और घासीराम कोतवाल जैसे प्रसिद्ध उपन्यास भी उनके पास मौजूद हैं. रचना मोहन के पास दशकों पुरानी किताबों का बड़ा संग्रह है. जिसके चलते साहित्य से प्यार करने वाले लोग उनके पास आकर पढ़ने के लिए किताब में ले भी जाते हैं. रचना मोहन का कहना है कि वह लोगों को मुफ्त किताबें पढ़ने के लिए दे देती हैं और लोग किताब पढ़ने के बाद उनको वापस भी दे जाते हैं.
.Tags: Education news, Library, Local18, Shahjahanpur News, UP newsFIRST PUBLISHED : December 2, 2023, 13:03 IST



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