बाराबंकी: आज के समय में ज्यादातर किसान पारंपरिक खेती से हटकर फूलों की खेती को अपना रहे हैं. फूलों की खेती के लिए राज्य सरकार द्वारा भी कई प्रकार की सरकारी योजनाओं का लाभ दिया जाता है. ऐसे में जरबेरा की खेती पर जिले के किसानों को 50% का अनुदान दिया जा रहा है. इस योजना के तहत जरबेरा की खेती करने वाले किसानों की लागत में कमी आएगी और इस खेती से वह लाखों रुपए प्रतिवर्ष मुनाफा कमा सकते हैं.किसान जरबेरा की खेती कर अन्य फसलों की तुलना में कहीं अधिक कमाई कर रहे हैं. उद्यानिकी विभाग से मिली जानकारी के अनुसार राष्ट्रीय बागवानी मिशन योजना और संरक्षित खेती के अंतर्गत पाली हाउस स्कीम के तहत जिले के कई किसान जरबेरा फूल की खेती कर रहे हैं. विभाग द्वारा इन किसानों को पाली हाउस निर्माण व पौध रोपण के लिए 50 प्रतिशत का अनुदान दे रही है. एक एकड़ में लगभग 25 हजार पौधे रोपे जाते हैं.जिला उद्यान अधिकारी महेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि जरबेरा की खेती करने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है. जनपद बाराबंकी में कई किसान इसकी खेती कर रहे हैं. सरकार इस पर काफी अनुदान उपलब्ध कराती है. गाइडलाइन के अनुसार अगर कोई छोटा पाली हाउस लगता है तो उस पर लागत ज्यादा आती है तो उसके हिसाब से अनुदान दिया जाता है. 500 वर्ग मीटर मिनिमम इसका आधार होता है और 4 हजार वर्ग मीटर तक अनुदान दे सकते हैं.अगर कोई एक हजार वर्ग मीटर का पाली हाउस लगता है तो उसपे 935 रुपये लागत आती है. 467.50 पैसे प्रति वर्ग मीटर अनुदान रहता है. एक एकड़ की इकाई कोई लगा रहा है तो उसपे लागत जो आती है स्ट्रक्चर पर 16 लाख 88 हजार रुपये अनुदान मिलता है. एक एकड़ के पाली हाउस में कुल लागत 29 लाख 8 हजार रुपये लाभार्थी के खाते में भेजे जाते हैं. इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को योजना के अंतर्गत विभागीय हॉर्टिकल्चर वेबसाइट पर पंजीकरण करना होगा.FIRST PUBLISHED : September 3, 2024, 20:23 IST
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