सनन्दन उपाध्याय/बलिया : जहां अंग्रेजी कैलेंडर के मुताबिक 1 जनवरी को नया साल शुरू होता हैं तो वहीं हिंदू धर्म में भी नए वर्ष पर पंचांग यानी पतरा भी बदल जाते हैं. हिंदू धर्म का नया वर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से शुरू होता है . उसके लगभग दो महीना पहले से ही बसंत में ही प्रकृति अपने नए कलेवर में आने लगती है. अभी पतझड़ का मौसम चल रहा है जिसमें पेड़, पौधे और वनस्पति अपने पुराने पत्तों को त्यागने लगते हैं.

हिंदू नववर्ष पर केवल प्रकृति कुछ नया करती है बल्कि अनंत अंतरिक्ष में ग्रहों की स्थितियां भी बदल जाती हैं. बलिया के प्रसिद्ध हनुमान मंदिर के पुजारी आचार्य पं. विजय नारायण शरण बताते हैं कि हिंदू नववर्ष का जीता जागता उदाहरण यह पतझड़ का मौसम है. जो शुरू हो चुका है. नव वर्ष के शुरू होते ही ये पेड़ पौधे भी अपने नए कलेवर में आते हुए नई पत्तियों को धारण करने लगते हैं. यही नहीं ग्रहों की स्थिति बदल जाती है.

प्रकृति के स्वरूप में होता है बदलावआचार्य पंडित विजय नारायण शरण ने बताया कि हमारे ऋषि मुनियों और संतों ने इस हिंदू धर्म के नव वर्ष पर बहुत शोध किया होगा. क्योंकि हमारा हिंदू सनातन धर्म का जब नव वर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से शुरू होता है तो उसके एक-दो महीने पहले से प्रकृति भी नए अवतार में नजर आती है. जबकि अंग्रेजों या मुस्लिम नववर्ष पर मौसम में ऐसा परिवर्तन दिखाई नहीं देता. दरअसल हिंदू नववर्ष की शुरुआत से ही चैत्र की नवरात्र की भी शुरुआत हो जाती है जिसके ठीक 9 वें दिन राम नवमीं का पर्व मनाया जाता है. ये वो समय होता है जब प्रकृति अपने नए स्वरूप में होती है और बसंत के बाद खुशनुमा माहौल होता है.जहां पेड़-पौधे अपने पुराने पत्ते को छोड़ने लगते हैं वहीं मनुष्यों के रूप में परिवर्तन हो जाता है.

इस दिन बदल जाता है हिंदू पंचांगआचार्य पं. विजय नारायण शरण बताते हैं कि इसके अलावा अंतरिक्ष में ग्रहों की स्थितियां बदल जाती हैं. पाताल से लेकर के समस्त लोक तक में परिवर्तन हो जाता है. हिंदुओं के नए वर्ष यानि चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से से हिंदू पंचांग (पतरा) भी बदल जाता है और नवरात्र का उपासना करके सनातनी भी अपने नए कलेवर में हो जाते हैं. यह वही नवरात्र होता है जिसमें घर-घर में पूजा होती है.
.Tags: Ballia news, Dharma Aastha, Local18, Religion 18, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : February 11, 2024, 18:26 IST



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