Cat Scratch Disease Symptoms: लोग जानवर पालना पसंद करते हैं, खासकर कुत्ता और बिल्ला ज्यादातर लोग पालते हैं. इनमें बिल्ली बहुत लोगों की प्यारी साथी होती है. उनके साथ खेलना, उन्हें खिलाना, उनके पंजों से खेलना सब को अच्छा लगता है. लेकिन क्या आपको पता है कि अगर बिल्ली आपको खरोंच दे, तो आपको कैट स्क्रैच डिजीज (CSD) नाम की बीमारी हो जाती है. कैट स्क्रैच डिजीज एक बैक्टीरिया Bartonella henselae से होती है, जो आमतौर पर बिल्ली की खरोंच, काटने या लार से फैलती है.
कैट स्क्रैच डिजीज के लक्षण?स्क्रैच डिजीज के कुछ आम लक्षण हो सकते हैं. इन्द्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल के सीनियर न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. पी. एन. रेनजेन के अनुसार इस बीमारी में लोगों को कई लक्षण दिख सकते हैं. इसके कारण खरोंच के पास सूजे हुए लिम्फ नोड्स (गांठें), बुखार और थकान महसूस हो सकती है. आमतौर पर ये लक्षण हल्के होते हैं और कुछ ही दिनों में ठीक हो जाते हैं. लेकिन कई मामलों में यह बीमारी गंभीर हो सकती है, जिसका असर दिमाग पर पड़ता है और एनसेफेलोपैथी नाम की परेशानी का कारण बन सकती है.
CSD दिमाग पर कैसे असर डालती है?कुछ मामलों में यह बीमारी गंभीर हो सकती है, जिसका असर दिमाग पर पड़ सकता है. ऐसा तब होता है, जब यह इस बीमारी का बैक्टीरिया दिमाग तक पहुंच जाता है. इसके कारण मेंटल कन्फ्यूजन, दौरे, तेज सिरदर्द और याददाश्त की समस्या जैसी गंभीर समस्या हो सकती है. ऐसी स्थिति में समय पर इलाज करवाना और इलाज बहुत जरूरी है.
कैसे करें बचाव?डॉ. रेनजेन के अनुसार इस बीमारी से बचने के उपाय बताएं हैं, डॉ के अनुसार वीक इम्यूनिटी वाले लोगों को खास सतर्क रहना चाहिए. इस खबर में हम आपको इसके उपायों के बारे में बताएंगे. -बिल्ली से ज्यााद रफ प्ले न करें: बिल्ली को पालना सही है, लेकिन उनके साथ ज्यादा रफ प्ले नहीं करना चाहिए. खासकर बिल्लियों के बच्चों से, क्योंकि उनमें यह बैक्टीरिया ज्यादा पाया जाता है. -साफ-सफाई: अगर आप बिल्ली को पाल रहे हैं, तो साफ-सफाई का खास ध्यान रखें. बिल्लियों को छूने के बाद हाथ धोएं और अगर खरोंच लगे तो तुरत साबुन-पानी से धो लें. -बिल्ली में फ्ली न होने दें: फ्ली इस बीमारी का बड़ा कारण होता है, यह इस बैक्टीरिया को फैलाने में मदद करता है.
कब डॉक्टर से मिलना चाहिए?ज्यादातर मामलों में ये जल्दी ठीक हो सकता है. लेकिन कई मामलों में आपको डॉक्टर के पास जाने की जरूरत पड़ सकती है. अगर बिल्ली के खरोंचने या काटने के बाद लगातार बुखार, गांठें या मेंटल प्रॉब्लम जैसे भ्रम या दौरे दिखें, तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं. डॉ. रेनजेन का कहना है कि, “इस बीमारी को रोकने और समय रहते इलाज करने के लिए जागरूकता और सतर्कता बहुत जरूरी है, खासकर उन लोगों में जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है.”
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी इसे अपनाने से पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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