Bowel inflammation: आज के युग में तेजी से बढ़ते शहरीकरण ने भारतीय युवाओं और किशोरों की सेहत पर बुरा असर डाला है. खानपान की आदतों में बदलाव और जीवन शैली की अनियमितताएं आंत संबंधी बीमारियां बढ़ रही हैं. भारत के 30 हजार लोगों पर अध्ययन के बाद यह खुलासा हुआ है.
लांसेट जर्नल में यह अध्ययन प्रकाशित हुआ है. अध्ययन में बताया गया है कि आंत में सूजन की बीमारी लंबे समय तक रहती है और इससे डायरिया, वजन कम होने, बुखार, मोटापा, पेट दर्द से लेकर एनीमिया तक, जोड़ों में दर्द, त्वचा संबंधी परेशानियों के लक्षण शरीर में दिखाई देते हैं.15 लाख लोग आंत में सूजन से पीड़ितहैदराबाद स्थित एआईजी अस्पताल के प्रमुख डॉ. डी नागेश्वर रेड्डी ने कहा कि भारत में करीब 15 लाख लोग आंत में सूजन की बीमारी से पीड़ित हैं, लेकिन अभी तक इस बीमारी से पीड़ित लोगों की तस्वीर साफ नहीं हुई है. डॉ. रेड्डी ने अध्ययन में आगे बताया कि यह बीमारी ग्रामीण के साथ-साथ शहरी इलाकों में भी है.
ग्रामीण इलाकों में बढ़े मरीजअध्ययन में वर्ष 2020 में चिकित्सकों की एक टीम ने तीन साल तक जिसमें तेलंगाना के 150 गांवों में स्वास्थ्य संबंधी जांच की. इससे पहले 2006 में किए गए सर्वे में चिकित्सकों ने बताया था कि ग्रामीण इलाकों में केवल 0.1 फीसदी आबादी आंत में सूजन की समस्या से पीड़ित है। परंतु यह दर बढ़कर 5.1 फीसदी हो गई है.
भूमंडलीकरण से भी हुआ है नुकसानअस्पताल की निदेशक डॉ. रूपा बनर्जी ने बताया कि इस बीमारी का सबसे बड़ा कारण भूमंडलीकरण को भी माना जा सकता है. यह भी देखना महत्वपूर्ण है कि दो दशक पहले पश्चिमी देश जिस पीड़ा को झेल रहे थे, उस स्थिति में आज हम पहुंच चुके हैं. इसमें सबसे बड़ी समस्या यह है कि आंत में सूजन की समस्या से भारत में सबसे ज्यादा 20 से 40 वर्ष की आबादी पीड़ित है, जिनका इलाज भी हो रहा है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
 
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