Uttar Pradesh

इंस्टाग्राम से मिला 10 साल पहले खोया बेटा, देख फफक पड़ी बूढ़ी मां, पुलिस वालों के भी निकल आए आंसू।

उत्तर प्रदेश के मेरठ में एक अद्भुत घटना घटी है, जिसने एक बूढ़ी मां को अपने बेटे से लगभग 10 साल बाद मिलवा दिया. यह घटना सोशल मीडिया के माध्यम से संभव हुई, जिसने एक पुलिसकर्मी की पहल को सफल बनाया.

दिनों-दिन बीतते जा रहे थे, परिवार ने अपने बेटे के मिलने की उम्मीद ही खो दी थी. लेकिन एक मां की आंखों से आंसू कभी नहीं सूखते. वह हर दिन अकेले में बैठकर सुबकती थी. फिर एक दिन अचानक पुलिस ने फोन किया और कहा कि उनका बेटा मिल गया है. यह सुनकर मां की खुशी का ठिकाना नहीं रहा.

यह घटना उत्तर प्रदेश पुलिस के हेड कांस्टेबल अश्वनी मलिक की पहल के कारण संभव हुई. वह एक प्रसिद्ध सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर अपने काम के बारे में पोस्ट करते हैं और लोगों को मदद करने के लिए प्रेरित करते हैं. उनके पास 45 लाख से अधिक फॉलोअर्स हैं, जो उन्हें ‘इन्फ्लुएंसर कॉप’ के नाम से जानते हैं।

अश्वनी मलिक ने हाल ही में एक वीडियो पोस्ट किया था, जिसमें एक कमजोर और चुपचाप बैठा शख्स दिखाई दिया. एक युवक ने इस वीडियो को देखा और अपने परिवार से संपर्क किया, जो इस व्यक्ति को पहचानने की कोशिश करने लगे. उन्होंने देवरिया में अपने परिवार से संपर्क किया और बताया कि वीडियो में दिख रहा शख्स उनका चाचा मोहम्मद सलीम हो सकता है, जो सालों से लापता था. परिवार ने वीडियो कॉल पर पुष्टि की और यह खबर सुनकर 77 वर्षीय मां की आंखों से आंसू छलक पड़े.

असल में, 23 अगस्त को अश्वनी मलिक ने अपनी ड्यूटी से लौटते समय सड़क किनारे अकेले बैठे सलीम से मिले थे. उनकी हालत देखकर मलिक ने अपने साथी मोहम्मद सलमान और काशिफ के साथ मिलकर उन्हें अपने क्वार्टर ले आए. वहां उन्होंने उनकी तस्वीरें और वीडियो बनाकर इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया. यह उनकी पांचवीं ऐसी पोस्ट साबित हुई जिसने किसी लापता व्यक्ति को परिवार से मिलवाया.

अमरोहा के एसपी अमित कुमार आनंद ने बताया कि वीडियो वायरल होने के बाद मोहम्मद सलीम की पहचान पक्की हुई. 4 सितंबर को उनका परिवार मुरादाबाद पहुंचा और मां-बेटे का औपचारिक मिलन कराया गया. रसूमा बेगम ने कहा कि उन्हें उम्मीद ही नहीं थी कि उनका बेटा कभी वापस मिलेगा.

अश्वनी मलिक की इस पहल ने एक बार फिर दिखा दिया कि सोशल मीडिया सही दिशा में इस्तेमाल हो तो जिंदगी बदल सकती है. उनकी पोस्ट से अब तक पांच परिवार अपने बिछड़े अपनों से मिल चुके हैं. यह एक नई मिसाल पेश करता है कि सोशल मीडिया का सही इस्तेमाल कैसे किया जा सकता है.

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