Uttar Pradesh

इन्हें इस काली रात का इंतजार, कोना पकड़कर करते हैं ऐसा काम, हमारी आपकी रूह कांप जाए, ये तनिक भी नहीं डरते

अमावस्या तंत्र साधना : ऐसा मौका साल में केवल एक बार आता है. कार्तिक माह में पड़ने वाली अमावस्या का कई लोग पूरे साल इंतजार करते हैं. आइए जानते हैं कि आखिर इस दिन तंत्र साधना क्यों होती है. क्यों कई लोग इसे इतना खास मानते आए हैं.

अयोध्या में अमावस्या तिथि बेहद महत्त्वपूर्ण मानी जाती है. इस दिन माता लक्ष्मी की विधि विधान पूर्वक पूजा आराधना होती है और पवित्र नदियों में स्नान किया जाता है. लेकिन कार्तिक माह की अमावस्या ज्यादा खास है, क्योंकि यह रात्रि काली रात्रि के नाम से भी जानी जाती है. इस दिन घोर अंधेरा रहता है, लेकिन दीपों की रोशनी से अमावस्या की यह निशा रात्रि पता नहीं चलती.

साल में एक बार आने वाली कार्तिक माह की अमावस्या, तंत्र विद्या सीखने वाले लोगों के लिए बेहद महत्त्वपूर्ण है. आइए जानते हैं कि आखिर इस दिन तंत्र साधना क्यों होती है. कार्तिक माह की अमावस्या तिथि की रात्रि को महानिशा और सिद्धि की रात्रि मानी जाती है. शास्त्रों में साधना के लिए मंत्र यंत्र और तंत्र का विशेष महत्त्व भी होता है. ऐसी स्थिति में दीपावली के दिन माता लक्ष्मी की विशेष पूजा आराधना किया जाता है. माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए लोग तंत्र साधना करते हैं.

अयोध्या के ज्योतिष पंडित कल्कि राम बताते हैं कि हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक माह की अमावस्या 20 अक्टूबर को है. कार्तिक माह की अमावस्या काली रात की अमावस्या कही जाती है. इस दिन घोर अंधेरा रहता है, यद्यपि दीपों के प्रकाश में अमावस्या की वह निशा रात्रि पता नहीं चलती है. बेहद मारक

कार्तिक माह की अमावस्या को नक्षत्र का सयोग और धार्मिक कर्मों को देखते हुए तमाम साधक तंत्र की साधना करते हैं. इसी अमावस्या तिथि की रात्रि में माता लक्ष्मी पृथ्वी पर भ्रमण करती हैं अगर इस निशा रात्रि में तंत्र विद्या की साधना की जाए तो वह बेहद मारक बन जाती है. यही वजह है कि इस दिन तंत्र-मंत्र की सिद्धि प्राप्त की जाती है. यह दिन तंत्र साधना के लिए बेहद अच्छा रहता है. इस दिन रात्रि में लोग सूनसान जगहों पर जाकर तंत्र मंत्र की सिद्धि करते हैं.

इस दिन की महत्ता को समझने के लिए यह कहा जा सकता है कि कार्तिक माह की अमावस्या के दिन लोग अपने घरों के बाहर दीप जलाते हैं और माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं. इस दिन की रात्रि को लोग अपने घरों के बाहर बैठकर दीपों की रोशनी में तंत्र मंत्र की सिद्धि करते हैं. यह दिन तंत्र साधना के लिए बेहद महत्त्वपूर्ण है और लोग इसे अपने जीवन में शामिल करते हैं.

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