Indian Army Story: DTU से B.Tech, 4 बार क्लियर किया SSB, अब बनीं पहली महिला कॉम्बैट एविएटर

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Last Updated:June 07, 2025, 14:57 ISTIndian Army Story: अगर हौसला बुलंद हो, तो किसी भी सपने को आप पूरा कर सकते हैं. इसके लिए साहस, समर्पण और कड़ी मेहनत की जरूरत होती है. ऐसे ही मेजर अभिलाषा बराक सेना की पहली महिला लड़ाकू एविएटर बनी हैं.Indian Army Story: भारतीय सेना में पहली महिला कॉम्बैट एविएटर बनीं.हाइलाइट्सपहली महिला कॉम्बैट एविएटर बनीं.DTU से B.Tech और 4 बार SSB क्लियर किया.कॉम्बैट एविएशन ट्रेनिंग सफलतापूर्वक पूरी की.Indian Army Story: अगर आप किसी भी काम में लगातार लगे रहते हैं, तो सफलता जरूर मिलती है. ऐसी ही मेजर अभिलाषा बराक (Major Abhilasha Barak) ने चौथी बार में SSB क्लियर करके सेना में ऑफिसर बनी हैं. उन्होंने भारतीय सैन्य इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ते हुए सेना की पहली महिला लड़ाकू एविएटर बनने का गौरव प्राप्त किया है. यह उपलब्धि केवल उनके व्यक्तिगत साहस और समर्पण का प्रतीक नहीं है, बल्कि यह भारत की सशस्त्र सेनाओं में महिलाओं की भागीदारी के लिए एक प्रेरणादायक मील का पत्थर भी है.कॉम्बैट एविएशन ट्रेनिंग की सफलता

मेजर बराक ने नासिक स्थित कॉम्बैट आर्मी एविएशन ट्रेनिंग स्कूल से 25 मई 2022 को प्रशिक्षण पूरा किया. इस अवसर पर उन्हें 36 अन्य पायलटों के साथ सेना की प्रतिष्ठित ‘विंग्स’ से सम्मानित किया गया. सेना ने इस दिन को “गोल्डन लेटर डे” के रूप में मनाया, जो उनकी ऐतिहासिक उपलब्धि को दर्शाता है.

DTU से बीटेक, 4 बार क्रैक किया SSB

सेना की पहली महिला लड़ाकू एविएटर बनने वाली मेजर अभिलाषा बराक ने लॉरेंस स्कूल, सनावर से स्कूली शिक्षा पूरी की हैं. इसके बाद दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी (DTU) से इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में बी.टेक किया. बाद में उन्होंने डेलॉइट (अमेरिका) में कुछ समय के लिए काम किया, लेकिन जल्द ही उन्होंने सेना में शामिल होने का निर्णय लिया. वर्ष 2016 में ग्रेजुएट होने के बाद मेजर बराक ने सेना में भर्ती की तैयारी शुरू की. उन्होंने चार बार SSB इंटरव्यू पास किए और सितंबर 2018 में आर्मी एयर डिफेंस कोर में कमीशन प्राप्त किया.

पिता और भाई दोनों सेना में रहें

पंचकूला (हरियाणा) की रहने वाली मेजर अभिलाषा एक मिलिट्री परिवार से ताल्लुक रखती हैं. उनके पिता कर्नल (सेवानिवृत्त) एस. ओम सिंह और भाई दोनों ही सेना में सेवा कर चुके हैं. सेना के माहौल में पली-बढ़ी मेजर बराक ने देशसेवा की भावना को अपने जीवन का लक्ष्य बना लिया. उन्होंने कई मिलिट्री कोर्सेज और कठोर ट्रेनिंग को सफलता के साथ पूरा किया. उन्हें आर्मी एयर डिफेंस की ओर से गणतंत्र दिवस परेड में रंगों की प्रस्तुति के लिए कॉन्टिजेंट कमांडर के रूप में चुना गया था. इस भूमिका में उन्हें तत्कालीन राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद द्वारा सम्मानित किया गया था.

इंस्पायरिंग हैं इनकी कहानी

मेजर बराक की यह उपलब्धि देशभर की युवा महिलाओं को यह संदेश देती है कि अगर हौसला बुलंद हो तो कोई भी सपना अधूरा नहीं रहता. उनका साहस, समर्पण और कड़ी मेहनत हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा है, जो देशसेवा का सपना देखता है.

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Munna Kumarपत्रकारिता के क्षेत्र में 8 वर्षों से अधिक का अनुभव. दूरदर्शन, ज़ी मीडिया और News18 के साथ काम किया है. इन्होंने अपने करियर की शुरुआत दूरदर्शन दिल्ली से की, बाद में ज़ी मीडिया से जुड़े और वर्तमान में News18 Hin…और पढ़ेंपत्रकारिता के क्षेत्र में 8 वर्षों से अधिक का अनुभव. दूरदर्शन, ज़ी मीडिया और News18 के साथ काम किया है. इन्होंने अपने करियर की शुरुआत दूरदर्शन दिल्ली से की, बाद में ज़ी मीडिया से जुड़े और वर्तमान में News18 Hin… और पढ़ेंhomecareerDTU से B.Tech, 4 बार क्लियर किया SSB, अब बनीं पहली महिला कॉम्बैट एविएटर

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