Ben Stokes Bowling: भारत और इंग्लैंड के बीच सीरीज का चौथा टेस्ट मैच रांची में 23 फरवरी से खेला जाना है. लगातार दो टेस्ट मैच में शिकस्त झेलने के बाद इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स को गेंदबाजी में जल्द वापसी पर विचार करने के लिए मजबूर कर दिया है. हेड कोच ब्रेंडन मैकुलम ने माना कि यह एक अच्छा संकेत है, लेकिन वे नहीं चाहते कि यह ऑलराउंडर जल्दबाजी करे. बता दें कि स्टोक्स अभी भी घुटने की सर्जरी से उबर रहे हैं. स्टोक्स ने पिछले साल जून में दूसरे एशेज टेस्ट के बाद से गेंदबाजी नहीं की है. 
मैकुलम ने दिया बयानमैकुलम के हवाले से सोमवार को ईएसपीएन क्रिकइंफो ने कहा, ‘यह अच्छा है कि स्टोक्स उस स्थिति में पहुंच रहा है, जहां उसे लगता है कि वह गेंदबाजी कर सकता है. लेकिन बेन चतुर है. वह काफी चतुर है. वह तब तक गेंदबाजी नहीं करेगा जब तक उसे नहीं लगता कि वह गेंदबाजी करने में सक्षम है. समस्या तब होगी जब वह गेंदबाजी स्पैल शुरू करेगा और फिर उसे खत्म नहीं कर पाएगा. इसलिए हम देखेंगे कि क्या होता है.’ 
स्टोक्स ने किया था वादा
मैकुलम ने कहा, ‘हमें देखना होगा कि खतरा कहां है और उसे इससे दूर करने की कोशिश करनी होगी, लेकिन यह एक अच्छा संकेत है.’ राजकोट टेस्ट से पहले स्टोक्स ने कहा था कि उन्होंने अपने फिजियोथेरेपिस्ट से वादा किया था कि वह मौजूदा सीरीज में गेंदबाजी नहीं करेंगे, लेकिन तीसरे टेस्ट में 434 रन की हार के बाद जब उनसे पूछा गया कि क्या वह ऑलराउंडर की भूमिका दोबारा निभाएंगे तो स्टोक्स ने कहा, ‘मैं हां नहीं कह रहा हूं, मैं ना भी नहीं कह रहा हूं.’ 
राजकोट टेस्ट की थी ट्रेनिंग
राजकोट टेस्ट के दौरान स्टोक्स ने शत प्रतिशत क्षमता से ट्रेनिंग की थी और स्वीकार किया था कि उन्हें काफी अच्छा महसूस हो रहा है. उन्होंने कहा, ‘मैं अभ्यास के एक दिन शत प्रतिशत क्षमता के साथ गेंदबाजी करने में सफल रहा, जिससे मुझे काफी अच्छा महसूस हुआ. मुझे लगा कि मैं मैच में गेंदबाजी कर सकता था, लेकिन यह बेवकूफी होती.’ अगर कप्तान बेन स्टोक्स गेंदबाजी करना शुरू कर देते हैं तो इंग्लैंड की टीम को काफी फायदा होगा. मेहमान टीम ने पहले दो टेस्ट में सिर्फ एक तेज गेंदबाज को खिलाने का फैसला किया, जबकि तीसरे टेस्ट मैच में जेम्स एंडरसन और मार्क वुड को प्लेइंग-11 में शामिल किया, लेकिन स्पिनर शोएब बशीर को बाहर करना पड़ा. 
सीरीज में 2-1 से आगे भारत
सीरीज का पहला मैच 28 रन से जीतने के बाद इंग्लैंड को विशाखापत्तनम में 106 रन से हार का सामना करना पड़ा, जिसके बाद राजकोट में मेहमान टीम को करारी शिकस्त झेलनी पड़ी. इस मैच में जीत के साथ ही भारत ने सीरीज में 2-1 से बढ़ता बना ली है. इंग्लैंड का ‘बैजबॉल’ रवैया भी तीसरे टेस्ट में टीम पर भारी पड़ा, जिससे टीम को 434 रन के बड़े अंतर से हार झेलनी पड़ी, जो 1934 के बाद से रनों के लिहाज से उसकी सबसे बड़ी हार है.
(एजेंसी इनपुट के साथ) 



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