India Pakistan war Sindoor, Trending News, Indian Missile, Indian Air Force: भारत और पाकिस्तान के बीच टेंशन का माहौल है. इसी बीच दोनों देशों में तल्खी इतनी बढ़ गई है कि मिसाइलों से हमले हो रहे हैं. भारत के एयर डिफेंस सिस्टम ने पाकिस्तान की तमाम मिसाइलों व ड्रोंस को धाराशायी कर दिया है, जिसके बाद उसके फिसड्डी हथियार चर्चा में हैं. इससे पहले पाकिस्तान के एक कैबिनट मंत्री हनीफ अब्बासी ने कहा था कि गोरी, शाहीन और गजनवी जैसी मिसाइलें और उनके परमाणु हथियार भारत के लिए रखे गए हैं. यह धमकी देते समय पाकिस्तान के मंत्री शायद यह भूल गए कि भारत के एक पास उनके गोरी और गजनवी के बदले ऐसी ऐसी मिसाइलें हैं, जो पलक झपकते ही उनकी मिसाइलों को ठिकाने लगा सकती हैं. पाकिस्तान अक्सर अपनी गोरी और गजनवी मिसाइलों का ढोल पीटता रहता है, लेकिन भारत की पृथ्वी और अग्नि मिसाइलें इनके सामने कहीं ज्यादा ताकतवर और भरोसेमंद हैं. ये मिसाइलें न सिर्फ रेंज और सटीकता में आगे हैं, बल्कि भारत की सुरक्षा को पुख्ता बनाती हैं. आइए आपको बताते हैं कि इन मिसाइलों की ताकत क्या है,कैसे ये पाकिस्तान की मिसाइलों को पीछे छोडती हैं, और इनके पीछे की कहानी क्या है?
भारत की पृथ्वी: छोटी दूरी की मिसाइलभारत के पास एक पृथ्वी मिसाइल है.यह भारत की पहली सतह से सतह पर मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल है. यह एक स्वदेशी मिसाइल है,जिसे DRDO ने बनाया. इसे 1988 में तैयार किया गया और 1994 में सेना में शामिल किया गया. ये छोटी दूरी की मिसाइल है,लेकिन इसकी सटीकता और ताकत दुश्मन की नींद उड़ा देती है.
क्या हैं पृथ्वी की खासियतभारत की पृथ्वी मिसाइल का रेंज 150-350 किमी है. इसकी पृथ्वी-I,II,III की रेंज अलग अलग होती है.ये मिसाइलें लाहौर, इस्लामाबाद जैसे पाकिस्तानी शहरों को आसानी से टारगेट बना सकते हैं.इस मिसाइल का वजन 4.4 से 5.6 टन तक है.यह मिसाइल 500 से 1000 किलो तक परमाणु या सामान्य विस्फोटक ले जा सकती हैं.इसकी स्पीड लगभग 2400-3600 किमी/घंटा होती है. सबसे खास बात यह है कि ये मोबाइल लॉन्चर से दागी जा सकती है, जिससे इसे कहीं भी ले जाकर फायर करना आसान है. इससे टारगेट से चूकने की गुंजाइश बहुत कम होती है.
किसकी कितनी रेंजपृथ्वी-I:सेना के लिए 150 किमी.पृथ्वी-II:वायुसेना के लिए 350 किमी रेंज.2011 में टेस्ट हुआ.पृथ्वी-III:नौसेना के लिए 350 किमी रेंज.यह जहाजों और समुद्री ठिकानों को निशाना बनाती है.ये मिसाइलें पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों जैसे सरगोधा एयरबेस या कराची पोर्ट को पल में उड़ा सकती हैं.
भारत की अग्नि मिसाइल: लंबी रेंज की दमदार मिसाइलअग्नि सीरीज भारत की लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों की सुपरस्टार है. ये मिसाइलें न सिर्फ पाकिस्तान बल्कि चीन और उससे आगे तक निशाना बना सकती हैं. DRDO ने इन्हें 1980 के दशक में शुरू किया और आज ये भारत की सैन्य ताकत का बड़ा हिस्सा हैं.
अग्नि मिसाइल की क्या है खासियतभारत की अग्नि मिसाइल 1000-1500 किलो परमाणु या सामान्य विस्फोटक ले जा सकती है.इसकी स्पीड लगभग 8600-14,800 किमी/घंटा है. खास बात यह है कि MIRV(मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल)के कारण अग्नि-V और VI कई टारगेट्स को एक साथ निशाना बना सकती हैं.कैनिस्टर से लॉन्च होने की वजह से इसे स्टोर करना और फायर करना आसान है. इसमें लगे GPS और इनर्शियल सिस्टम से सटीक निशाना लगता है.अग्नि-I पाकिस्तान के बड़े शहरों लाहौर, कराची, इस्लामाबाद को टारगेट कर सकती है.
कितनी होती है अग्नि रेंजअग्नि-I: 700-1200 किमी.अग्नि-II: 2000-2500 किमी.अग्नि-III: 3000-3500 किमी.अग्नि-IV: 4000 किमी.अग्नि-V: 5000-8000 किमी.अग्नि-VI:10,000+ किमी रेंज की उम्मीद (अभी विकसित हो रही है)
पाकिस्तान की मिसाइलेंअब बात पाकिस्तान के उन मिसाइलों की जिनके दम पर पाकिस्तान अक्सर गीदडभभकी देता रहता है.पाकिस्तान की एक मिसाइल का नाम गोरी मिसाइल है.गोरी पाकिस्तान की मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल है,जिसे 1990 के दशक में बनाया गया.यह मिसाइल चीन और उत्तर कोरिया की मदद से बनी.पाकिस्तान के गोरी-I की रेंज 1500 किमी और गौरी II की रेंज 1800-2000 किमी है.इसकी सटीकता भारत के पृथ्वी और अग्नि से कम है.इसकी सबसे बडी कमी यह है कि यह लिक्विड ईंधन पर चलती है.जिसे लॉन्च करने से पहले भरना पड़ता है,जो काफी समय लेता है और युद्ध में जोखिम को बढ़ाता है.यही नहीं भारत की S-400 और पृथ्वी जैसे एयर डिफेंस सिस्टम इसे आसानी से नाकाम कर सकती हैं.
पाकिस्तान की गजनवी मिसाइलपाकिस्तान का गजनवी मिसाइल छोटी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल है.यह मिसाइल चीन की M-11 मिसाइल का कॉपी वर्जन है. इसे 1999 में पहली बार टेस्ट किया गया और 2003 में सेना में शामिल किया गया.इसकी रेंज 290-300 किमी बताई जाती है.इसकी रेंज पृथ्वी-II से कम है. इसकी सटीकता पृथ्वी की तुलना में काफी कमजोर है.भारत की आकाश और बराक-8 मिसाइलें इसे आसानी से मार गिरा सकती हैं.गजनवी में पुरानी टेक्नोलॉजी पर आधारित है यह आधुनिक नहीं है.