प्रयागराज में इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी में कड़ी कार्रवाई, 18 छात्रों को सस्पेंड
इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी (पूर्व में मेट्रोपॉलिटन इलाहाबाद विश्वविद्यालय) में सर पीसी बनर्जी छात्रावास में रैगिंग की शिकायत पर विश्वविद्यालय ने कड़ी कार्रवाई की है. रैगिंग में लिप्त पाए गए 18 छात्रों को सस्पेंड कर दिया गया है और उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. यह कार्रवाई विश्वविद्यालय के चीफ प्रॉक्टर प्रोफेसर राकेश सिंह और प्रॉक्टोरियल बोर्ड की टीम द्वारा की गई है.
19 सितंबर को प्रॉक्टोरियल बोर्ड और पुलिस प्रशासन ने सर पीसी बनर्जी हॉस्टल में छापेमारी की. प्रथम दृष्टया जांच में कुछ छात्रों को रैगिंग में लिप्त पाया गया. इसके बाद जांच कमेटी ने एंटी रैगिंग एक्ट और विश्वविद्यालय की छात्र अनुशासन संहिता के तहत अनुशासनात्मक कार्यवाही करने की संस्तुति दी.
सस्पेंड किए गए छात्रों की सूची जांच के बाद कुल 18 छात्रों को सस्पेंड किया गया है। इनमें बीए और बीएससी के छात्र शामिल हैं। प्रमुख छात्रों में शामिल हैं अभिषेक वर्मा, बीए द्वितीय वर्ष, हर्ष दुबे, बीए द्वितीय वर्ष, आयुष कुमार, बीएससी द्वितीय वर्ष धनराज सिंह, बीएससी प्रथम वर्ष, उज्जवल सिंह, बीए द्वितीय वर्ष, उत्कर्ष कौशिक, बीए द्वितीय वर्ष, दीप प्रकाश, बीए द्वितीय वर्ष, गगन सोनी, बीएससी द्वितीय वर्ष, शांति स्वरूप सिंह, बीए द्वितीय वर्ष, अमरेश कुमार, बीए द्वितीय वर्ष, अमरनाथ, बीए तृतीय वर्ष, शशांक वर्मा, बीए द्वितीय वर्ष, विपिन सोनी, बीए द्वितीय वर्ष, अजय, बीए द्वितीय वर्ष, सूर्यांश सिंह, बीए तृतीय वर्ष, जय किशन, बीए द्वितीय वर्ष आदि शामिल हैं।
उपस्थित होने का निर्देश सस्पेंड किए गए छात्रों को चीफ प्रॉक्टर प्रो राकेश सिंह की ओर से निर्देश दिया गया है कि वे अपने पिता या अभिभावक के साथ 16 अक्टूबर को परिचय पत्र सहित प्रॉक्टर कार्यालय में दोपहर 3 से 4 बजे के बीच उपस्थित हों। छात्रों को जांच कमेटी के समक्ष अपना पक्ष लिखित रूप में प्रस्तुत करना होगा।
विश्वविद्यालय प्रशासन की प्रतिक्रिया इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी की जनसंपर्क अधिकारी प्रोफेसर जया कपूर ने बताया कि विश्वविद्यालय रैगिंग जैसी गतिविधियों के प्रति शून्य सहनशीलता नीति अपनाए हुए है. उन्होंने कहा कि छात्रावास और परिसर में सभी प्रकार की अनुशासनहीन गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जा रही है. इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी की यह कार्रवाई स्पष्ट संदेश देती है कि रैगिंग और किसी भी प्रकार के अनुशासनहीन व्यवहार को विश्वविद्यालय बर्दाश्त नहीं करेगा. सभी छात्र अनुशासन और विश्वविद्यालय की नियमावली का पालन करने के लिए बाध्य हैं।

