Last Updated:December 22, 2025, 23:32 ISTKanpur Latest News : भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर के 1986 बैच ने अपनी 40वीं वर्षगांठ को ऐतिहासिक बनाते हुए मातृसंस्था को बड़ी गुरु दक्षिणा दी है. देश विदेश से जुटे पूर्व छात्रों ने छात्र कल्याण और कैंपस विकास से जुड़ी परियोजनाओं के लिए ₹11 करोड़ देने का संकल्प लिया. यह पहल संस्थान के भविष्य को सशक्त बनाने की दिशा में अहम कदम मानी जा रही है.आईआईटी कानपुर का 1986 बैचकानपुर: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर के 1986 बैच ने अपनी पढ़ाई के चार दशक पूरे होने पर संस्थान को एक यादगार तोहफा दिया है. 18 से 21 दिसंबर 2025 के बीच आयोजित पुनर्मिलन समारोह के दौरान बैच के पूर्व छात्रों ने सामूहिक रूप से ₹11 करोड़ की वित्तीय सहायता देने की घोषणा की. इस समारोह में देश और विदेश से सैकड़ों पूर्व छात्र शामिल हुए.
सिर्फ पुनर्मिलन नहीं, भविष्य की ठोस योजनायह आयोजन केवल पुरानी यादें ताजा करने तक सीमित नहीं रहा. 1986 बैच के पूर्व छात्रों ने इसे संस्थान के भविष्य को मजबूत करने का मंच बना दिया. चार दशक पहले जिस संस्थान ने उन्हें शिक्षा और दिशा दी, उसी संस्थान को आगे बढ़ाने के लिए सभी पूर्व छात्र एकजुट नजर आए. इस पहल को संस्थान के प्रति कृतज्ञता का प्रतीक माना जा रहा है.
छात्रों के लिए तीन बड़ी विरासत परियोजनाएं₹11 करोड़ की इस राशि का उपयोग IIT कानपुर कैंपस की तीन अहम परियोजनाओं में किया जाएगा. पहली परियोजना के तहत स्टूडेंट एक्टिविटीज सेंटर का विस्तार कर एक नया आधुनिक ऑडिटोरियम बनाया जाएगा. दूसरी परियोजना में छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए एक अत्याधुनिक मानसिक स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्र की स्थापना की जाएगी. तीसरी परियोजना नए छात्रावास में एक टावर निर्माण से जुड़ी है.
पढ़ाई के साथ मानसिक और सामाजिक विकास पर फोकसपूर्व छात्रों का मानना है कि केवल शैक्षणिक उत्कृष्टता ही नहीं, बल्कि मानसिक और सामाजिक विकास भी छात्रों के उज्ज्वल भविष्य के लिए जरूरी है. इन परियोजनाओं का उद्देश्य छात्रों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराना और एक संवेदनशील, सहयोगी और संतुलित कैंपस वातावरण तैयार करना है. इससे आने वाली पीढ़ी आत्मविश्वासी और जिम्मेदार नागरिक बन सकेगी.
निदेशक का बयान: लौटाने का समयIIT कानपुर के निदेशक प्रो. मणींद्र अग्रवाल ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि संस्थान ने उनके जीवन और व्यक्तित्व को गढ़ा है. उन्होंने कहा कि अपने बैच साथियों को छात्रों के हित में इस तरह एकजुट होते देखना गर्व का विषय है. यह दिखाता है कि IIT के पूर्व छात्र संस्थान के प्रति अपनी जिम्मेदारी जीवनभर निभाते हैं.
पूर्व छात्रों की एकजुटता बनी मिसालडीन संसाधन एवं पूर्व छात्र प्रो. अमेय करकरे ने कहा कि 1986 बैच का योगदान सामूहिक परोपकार और पूर्व छात्र नेतृत्व का उत्कृष्ट उदाहरण है. इससे न केवल छात्र सुविधाएं मजबूत होंगी, बल्कि संस्थान और पूर्व छात्रों के रिश्ते भी और गहरे होंगे. बैच समन्वयक अजीत दास ने बताया कि सभी साथियों की यही सोच थी कि ऐसा योगदान दिया जाए, जो लंबे समय तक छात्रों के काम आए.
गर्व और संकल्प से भरा रहा पुनर्मिलन1986 बैच का यह पुनर्मिलन भावनाओं, यादों और भविष्य के लिए नए संकल्पों से भरा रहा. IIT कानपुर प्रबंधन ने इस ऐतिहासिक योगदान के लिए बैच का आभार जताया है. यह पहल आने वाले समय में अन्य बैचों को भी अपनी मातृसंस्था को मजबूत करने के लिए प्रेरित करेगी.Location :Kanpur Nagar,Uttar PradeshFirst Published :December 22, 2025, 23:32 ISThomeuttar-pradeshपूर्व छात्रों की एकजुटता बनी IIT की मिसाल, ₹11 करोड़ की दी गुरु दक्षिणा

