आम के बागवानों के लिए सबसे बड़ी चुनौती यह होती है कि पेड़ों में हर साल नियमित रूप से बौर और फल न आने से पैदावार घट जाती है और नुकसान झेलना पड़ता है. लेकिन अगर किसान सही समय पर छटाई, खाद और पोषक तत्वों का प्रयोग करें, तो आम के पेड़ हर साल भरपूर बौर देंगे और उत्पादन भी जबरदस्त होगा.
अक्सर किसानों के आमों के पेड़ में एक तो दूसरे साल नहीं आता है. इससे किसानों को काफी नुकसान होता है. समय से पहले अगर किसान इन तैयारियों को कर लेंगे तो नुकसान होने से बच जाएगा और आर्थिक क्षति भी नहीं पहुंचेगी. किसान अपने वृक्षों से हर वर्ष फल पाने के लिए सही समय पर छटाई जरूर करें. हर वर्ष जनवरी या फरवरी माह तक हल्की छटाई कर दें. ताकि, नई शाखाएं आ सकें. घनी शाखाओं को बिल्कुल भी नहीं रहने दें. इससे पेड़ को बेहतर धूप नहीं मिल पाता है.
किसान ने बताया कि हर वर्ष आम के पैदावार के लिए वर्मी कम्पोस्ट खाद बेहद जरूरी है. दो बार जैविक या वर्मी कम्पोस्ट खाद जरूर इस्तेमाल करें. इससे पौधे को शक्ति मिलती है और हर शाखा पर बौर आता है. आम के पेड़ में बौर आने से पहले संतुलित मात्रा में बौरान व जिंक जैसे सूक्ष्म पोषक तत्व को दें. अगर आम के पौधे में बौर नहीं आ रहा है तो पोटैशियम नाइट्रेट का छिड़काव कर दें. एक प्रतिशत छिड़काव के बाद बौर आना शुरू हो जाता है. अगर पर्याप्त बौर नहीं आ रहा है तो पोटैशियम और फॉस्फोरस का पर्याप्त मात्रा में दें. इससे फल लगने में मदद मिलती है.
आम के फूलों और फलों को कीटों से बचाने के लिए नीम का अर्क या हल्की कीटनाशक का छिड़काव करें. किसान ने बताया कि वृक्ष में बौर आने के समय ज्यादा सिंचाई नहीं करनी चाहिए. फल बनना शुरू होने के बाद सिंचाई करें. समय-समय पर फफूंदी सहित अन्य रोग लगने लगते हैं. इनकी भी किसान भाइयों को जांच करनी चाहिए. ताकि, बौर आने के साथ ही अच्छा पैदावार भी हो सके.