Uttar Pradesh

हुनर ऐसा कि दूर-दूर तक है नाम…तंदूर की है खूब डिमांड, जानें क्या है रेट



आशीष त्यागी/ बागपत. कहते हैं कि हुनर कभी बेकार नहीं जाता है. तभी तो हुनरमंद इंसान मिट्टी से भी सोना निकाल लेता है. ऐसी ही एक मिसाल अनूपशहर के रहने वाले ठेकेदार प्रकाश ने करके दिखाई है. शिक्षित ना होने के बावजूद घर से निकल जाने के बाद बागपत पहुंचे और परिवार के आठ सदस्यों के साथ मिलकर तंदूरी भट्टी बनाने का काम शुरू किया. आज तंदूरी भट्टी इतनी फेमस है कि कई राज्यों तक अच्छी डिमांड है और आर्डर पर तैयार की जा रही है. अपने हुनर के साथ ठेकेदार प्रकाश आज अच्छी आमद के साथ अच्छा नाम कमा रहा है.

तंदूरी भट्टी हर जगह तंदूर की रोटियां बनाने में काम आती है. भट्टी भी अपने आप में एक अलग ही मायने रखती है. रोटी को अच्छा पकाने के लिए भट्टी का एक अहम योगदान होता है. अगर रोटियां मिट्टी की भट्टी में पैक तो उनका स्वाद ही अलग हो जाता है. ऐसी ही भट्टीया बागपत में बड़े पैमाने पर बनाई जा रही हैं. ठेकेदार प्रकाश अपने पूरे परिवार के साथ मिलकर बेरोजगारी से ऊपर उठ आज भट्टी बनाकर अपने परिवार का पालन पोषण खूब अच्छे से कर रहा है और खुशहाल जीवन जी रहा है.

काली और पीली चिकनी मिट्टी से तैयार हो रही तंदूरी भट्टी

ठेकेदार प्रकाश बताते हैं कि वह आसपास के खेतों में पहुंचकर मिट्टी की जांच खुद ही अपने हाथों से करते हैं, जिसके बाद किसान से मिट्टी का सौदा कर उसे खरीदते हैं और भट्टिया बनाने का काम शुरू करते हैं. बिना किसी मशीन के ही वह इन भट्ठियों को तैयार कर देते हैं और भट्ठियों का डिजाइन इतना आकर्षण होता है कि लोग देखने को मजबूर हो जाते हैं.

मिट्टी की गुणवत्ता अच्छी होने के चलते भट्ठियों की अच्छी डिमांड

प्रकाश बताते हैं कि वह अच्छी गुणवत्ता की मिट्टी से इस भट्टी को तैयार करते हैं जिससे इसकी डिमांड अच्छे वबड़े होटल व अन्य स्थान पर काफी बढ़ चुकी है. इसकी बनी रोटी में अलग ही स्वाद होता है. करीब 800 रूपए में यह भट्टी तैयार हो जाती है और 1600 से लेकर 2000 रुपए तक मार्केट में बिक जाती है. ऑर्डर पर इन भट्ठियों को तैयार किया जा रहा है.

मिट्टी द्वारा कैसे तैयार होती हैं भट्ठी

चिकनी काली और पीली मिट्टी को एक साथ मिश्रण कर उसमें पानी डालकर उसे फावड़े द्वारा अच्छे से मिश्रित किया जाता है. उसके बाद उसकी गुथाई शुरू होती है और धीरे-धीरे मिट्टी को लचीली बनाकर भट्टी को जाकर देना शुरू किया जाता है. उसके बाद मिट्टी से तैयार हुई भट्टी को आग पर पकाया जाता है. तैयार करने में 3 दिन का समय लगता है जिससे उसमें मजबूत आ सके और धूप में सुखाकर भट्टी तैयार हो जाती है.
.Tags: Baghpat news, Local18, UP newsFIRST PUBLISHED : September 21, 2023, 22:29 IST



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