Uttar Pradesh

हत्या मामले में यूपी की जेलों में बंद 97 कैदियों को सुप्रीम कोर्ट ने दी अंतरिम जमानत



नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश की विभिन्न जेलों में बंद 20 साल से ज्यादा की सजा काट चुके 97 कैदियों को सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है. आपको बता दें कि ये सभी कैदियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी. इसके साथ ही कोर्ट ने कैदियों की याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस भी जारी किया है.
अंतरिम जमानत पाए 97 कैदियों में से 65 कैदी आगरा सेंट्रल जेल, 30 कैदी वाराणसी सेंट्रल जेल और एक-एक कैदी मथुरा जिला जेल और नैनी (प्रयागराज) सेंट्रल जेल में बंद हैं. इन कैदियों ने 20 साल से ज्यादा की सजा भुगत लेने के आधार पर समयपूर्व रिहाई मांगी है. ये सभी हत्या के जुर्म में उम्रकैद काट रहे हैं.
इसे भी पढ़ें : FB पर CM से महिला की गुहार ‘प्लीज हेल्प मी सर, मेरे साथ न्याय किया जाए’, फिर कर ली खुदकुशी
सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता कैदियों के वकील ऋषि मल्होत्रा की दलीलें सुनने के बाद ये आदेश जारी किया. कोर्ट ने याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी कर 3 सप्ताह में जवाब मांगा है. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि याचिकाकर्ता 20 साल से ज्यादा समय से जेल में हैं, इन्हें अंतरिम जमानत पर रिहा कर दिया जाए. अंतरिम जमानत पर रिहाई ट्रायल कोर्ट द्वारा लगाई गई शर्तों और संतुष्टि के अधीन होगी.
इसे भी पढ़ें : UP BJP अध्यक्ष बोले – SP, BSP, Congress को वोट देना पाप, उन्हें मंदिर जाने में लगता डर
इससे पहले याचिकाकर्ताओं को तत्काल जमानत दिए जाने की मांग करते हुए ऋषि मल्होत्रा ने कहा कि सभी याचिकाकर्ता अपनी सजा पूरी कर चुके हैं. यूपी सरकार की कैदियों की समयपूर्व रिहाई की 1 अगस्त, 2018 की नीति कहती है कि 16 वर्ष वास्तविक कैद और चार वर्ष की क्षमा (रेमिसन) जोड़कर कुल 20 साल की सजा काट चुके कैदी को समयपूर्व रिहाई मिलेगी. सभी याचिकाकर्ता कैदी 20 साल से ज्यादा की सजा काट चुके हैं. ऐसे में इन्हें जेल में रखना गैरकानूनी हिरासत है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे ही एक मामले में पिछले चार मई को आदेश दिया था और प्रदेश सरकार से 2018 की नीति के मुताबिक, उम्रकैदियों की रिहाई पर विचार करने को कहा था. कोर्ट ने दलीलें सुनने के बाद उपर्युक्त आदेश दिया.
इसे भी पढ़ें : मुख्तार अंसारी को सुप्रीम कोर्ट से झटका: सुरक्षा को लेकर पत्नी की याचिका पर सुनवाई से इनकार
दो याचिकाओं के जरिये 97 कैदियों ने कोर्ट से समय पूर्व रिहाई मांगते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 4 मई, 2021 के आदेश में प्रदेश सरकार को 2018 की नीति के मुताबिक 32 उम्रकैदियों की रिहाई का आदेश दिया था और ऐसे ही अन्य मामलों पर भी विचार करने को कहा था. लेकिन आदेश के बावजूद जब तय समय पर रिहाई नहीं हुई तो कैदियों ने कोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल की थी. जिसके बाद प्रदेश सरकार ने 32 कैदियों को रिहा कर दिया था. इसके बाद प्रदेश सरकार ने 2018 की नीति में 28 जुलाई, 2021 को संशोधन कर दिया, जिसमें कहा गया कि नीति 60 वर्ष या उससे अधिक उम्र के कैदी पर लागू होगी. याचिका में कहा गया है कि सरकार ने कोर्ट का आदेश निष्फल करने के लिए यह संशोधन किया है. वैसे भी याचिकाकर्ताओं को रिहाई मिलनी चाहिए क्योंकि नीति में किया गया संशोधन पूर्व प्रभाव से लागू नहीं माना जाएगा.पढ़ें Hindi News ऑनलाइन और देखें Live TV News18 हिंदी की वेबसाइट पर. जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश, बॉलीवुड, खेल जगत, बिज़नेस से जुड़ी News in Hindi.



Source link

You Missed

नक्सली हथियार छोड़ने को तैयार! डिप्‍टी CM बोले- लेटर की सत्‍यता की जांच जरूरी
Uttar PradeshSep 17, 2025

महर्षि वाल्मीकि एयरपोर्ट की छत से पानी टपकने लगा, दो साल पुराना निर्माण गुणवत्ता पर उठे सवाल।

अयोध्या में महर्षि वाल्मीकि इंटरनेशनल एयरपोर्ट की छत से पानी टपकने लगा है। यह बातें सोशल मीडिया पर…

Scroll to Top