उत्तर प्रदेश की हाईकोर्ट ने अवमानना के मामले में बिजनौर की डीएम जसजीत कौर के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया है. यह वारंट उनकी अनुपस्थिति और कोर्ट के आदेशों की अनदेखी के कारण जारी किया गया है.
हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि सीजेएम बिजनौर को वारंट तामीला कराकर अगली सुनवाई पर डीएम की हाज़िरी हाईकोर्ट के सामने सुनिश्चित करानी होगी. यह आदेश 5 जनवरी 2026 को पूरा किया जाना है.
यह मामला विक्रम सिंह की याचिका पर सुनवाई में डीएम की लापरवाही को लेकर है. जाति प्रमाण पत्र रद्द करने के विवाद ने डीएम को मुश्किलों में डाला है. कोर्ट के निर्देशों की अनदेखी डीएम को भारी पड़ी है, जिसके कारण वारंट जारी हुआ है.
हाईकोर्ट ने 22 अप्रैल 2025 को बिजनौर के जिला स्तरीय जाति जांच समिति को याची की जाति निर्धारित करने की मांग वाली अर्जी पर तीन महीने में फैसला लेने का आदेश दिया था. आरोप लगाया गया कि आदेश की कॉपी डीएम को दी गई क्योंकि वही समिति का चेयरमैन होता है. तीन महीने बीत जाने के बाद भी याची की अर्जी पर कोई फैसला डीएम ने नहीं लिया.
याचिका में इसे कोर्ट के आदेश की अवमानना बताते हुए डीएम को दंडित करने की मांग की गई थी. कोर्ट ने आदेश देते हुए कहा कि डीएम जसजीत कौर को 5 जनवरी 2026 को हर हाल में पेश किया जाए. अवमानना केस में बार-बार गैरहाज़िर रहने पर डीएम पर कोर्ट ने सख्त रवैया अपनाया है.
कोर्ट ने डीएम की अनुपस्थिति पर कड़ा कदम उठाया है और स्टैंडिंग काउंसिल को डीएम का कोई जवाब न मिलने पर नाराजगी जताई है. अवमानना याचिका में ढिलाई से IAS जसजीत कौर पर कानूनी संकट गहराया है.

