Hepatitis Risk During Monsoon: मानसून का मौसम जहां गर्मी से राहत लेकर आता है, वहीं ये बीमारियों का खतरा भी बढ़ा देता है. इस मौसम में खासकर हेपेटाइटिस जैसी लिवर से जुड़ी बीमारियों के मामले तेजी से बढ़ते हैं. हेपेटाइटिस एक वायरल इंफेक्शन होता है, जो लिवर के फंक्शन को अफेक्ट करता है और अगर वक्त पर इलाज न हो, तो ये गंभीर रूप ले सकता है. आइए जानें कि मानसून में हेपेटाइटिस का खतरा क्यों बढ़ जाता है और इससे बचाव के उपाय क्या-क्यां हैं.
बरसात में हेपेटाइटिस के बढ़ने की वजह1. गंदे पानी का सेवनबारिश के कारण नलों और पानी के टैंकों में गंदा पानी मिल सकता है. हेपेटाइटिस ए और हेपेटाइटिस ई वायरस ज्यादातर दूषित पानी और भोजन के जरिए फैलते हैं.
2. खुले में मिलने वाला खानामानसून में सड़क किनारे मिलने वाला चाट, पानी पूरी या दूसरे स्ट्रीट फूड जल्दी खराब हो जाता है और इंफेक्शन का सोर्स बनता है.
3. कमजोर इम्यून सिस्टमबारिश के दौरान ठंडी-गर्मी के असर से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता घट जाती है, जिससे वायरस आसानी से शरीर को संक्रमित कर सकते हैं.
4. मक्खियों और मच्छरों का बढ़नाइस मौसम में गंदगी बढ़ने के कारण मक्खियां और कीड़े-मकोड़े एक्टिव हो जाते हैं, जो खाने-पीने की चीजों को इंफेक्ट करते हैं.
हेपेटाइटिस से कैसे बचें?
1. साफ पानी पिएंउबला हुआ या फिल्टर किया हुआ पानी ही पिएं. बाहर का पानी पीने से बचें और घर में भी वाटर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें.
2. हाइजीन का ख्याल रखेंखाना बनाने और खाने से पहले हाथ जरूर धोएं. कच्ची सब्जियों और फलों को अच्छे से धोकर ही खाएं.
3. बाहर का खाना कम करेंमानसून में बाहर मिलने वाला फास्ट फूड या जूस जैसी चीजों से परहेज करें, क्योंकि ये इंफेक्शन का बड़ा कारण हो सकता है.
4. वैक्सीन लगवाएंहेपेटाइटिस ए और हेपेटाइटिस बी के लिए वैक्सीन मौजूद हैं. आपने आपने अब तक नहीं लगवाया है, तो डॉक्टर से सलाह लेकर वैक्सीनेशन जरूर करवाएं.
5. लिवर को डिटॉक्स करेंनींबू पानी, आंवला, हल्दी और हरी सब्जियां लिवर को साफ और मजबूत रखने में मदद करती हैं. अगर लिवर से टॉक्सिक एलिमेंट्स निकल जाएंगे तो बीमारियों का खतरा कम होगा.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.