How to know your kidney is helathy Urologist told a trick check yourself sitting at home |Kidney Health Test: कैसे पता करें किडनी सही से काम कर रही है? यूरोलॉजिस्ट ने बताया ट्रिक, खुद कर सकते हैं जांच

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How to know your kidney is helathy Urologist told a trick check yourself sitting at home |Kidney Health Test: कैसे पता करें किडनी सही से काम कर रही है? यूरोलॉजिस्ट ने बताया ट्रिक, खुद कर सकते हैं जांच



राजमा के समान दिखने वाले गुर्दे आपके शरीर के सबसे जरूरी अंग हैं. किडनी खून को साफ करने, टॉक्सिन को बाहर निकालने और शरीर के फ्लूइड बैलेंस को बनाए रखने का काम करती है. जब तक किडनी की समस्या गंभीर न हो जाए तब तक आमतौर पर इसके लक्षण सामने नहीं आते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि बिना किसी महंगे टेस्ट या हॉस्पिटल विजिट के, आप खुद भी जान सकते हैं कि आपकी किडनी ठीक से काम कर रही है या नहीं?
यूरोलॉजिस्ट डॉ. परवेज ने हाल ही में एक इंस्टाग्राम वीडियो में एक बेहद आसान ट्रिक शेयर की है, जिससे कोई भी व्यक्ति घर पर ही यह पता लगा सकता है कि उसकी किडनी की सेहत कैसी है. इसके लिए किसी ब्लड रिपोर्ट या RFT (रिनल फंक्शन टेस्ट) की जरूरत नहीं है. खुद से किडनी की समस्या को कैसे पहचान सकते हैं, यहां आप डिटेल से जान सकते हैं. इसे भी पढ़ें- Dark Underarms Home Remedies: महंगे ट्रीटमेंट नहीं, अंडरआर्म्स का कालापन दूर करेंगे ये नेचुरल उपाय, शहनाज हुसैन के टिप्स

 
किडनी ठीक से काम कर रही है या नहीं?
डॉ. परवेज के अनुसार, किडनी की कार्यक्षमता जानने का सबसे सरल तरीका है,यूरीन आउटपुट यानी पेशाब की मात्रा. उन्होंने बताया कि एक स्वस्थ व्यक्ति का सामान्य यूरीन आउटपुट 0.5 से 1 मिलीलीटर प्रति किलो प्रति घंटा होना चाहिए. उदाहरण के लिए, अगर किसी व्यक्ति का वजन 50 किलो है, तो हर घंटे उसका यूरीन आउटपुट करीब 25 से 50 मिलीलीटर होना चाहिए. इसका मतलब है कि 10 घंटे में उसका कुल यूरीन आउटपुट 500 मिलीलीटर के आसपास होना चाहिए.
कैसे करें खुद से जांच?
डॉ. परवेज ने बताया कि आप एक 1 लीटर वाली प्लास्टिक की बोतल लें और उसमें दिन के किसी 10 घंटे की पेशाब की मात्रा को जमा करें. अगर यूरीन की मात्रा आपके वजन के अनुसान नहीं है, तो यह किडनी फंक्शन में गड़बड़ी का संकेत हो सकता है.
आईसीयू पेशेंट की किडनी टेस्ट का तरीका 
डॉ. परवेज बताते हैं कि ये वही तरीका है जो बड़े अस्पतालों या ICU में गंभीर मरीजों के लिए इस्तेमाल किया जाता है. सेप्सिस, शॉक या मल्टी-ऑर्गन फेलियर जैसे केस में सबसे पहले डॉक्टर पेशाब की मात्रा देखकर किडनी की स्थिति का अंदाजा लगाते हैं.
इस बात का रखे ध्यान
यदि आप ये टेस्ट कर रहे हैं तो ध्यान रखे कि दिन में कम से कम 10 घंटे तक यूरीन को मापें. इस दौरान पानी की मात्रा सामान्य रखें, ताकि रीडिंग सही आए. अगर लगातार यूरीन आउटपुट कम रहे, तो डॉक्टर से सलाह जरूर लें.
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.



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