अक्सर हम मुंह में हुए छालों को सामान्य बात समझकर नजरअंदाज कर देते हैं. मसालेदार खाना, गर्म चाय-कॉफी या विटामिन की कमी ये आम कारण माने जाते हैं. हालांकि, कुछ मुंह के छाले, बार-बार हों या ठीक होने में समय लगाएं, मुंह के कैंसर की शुरुआती चेतावनी भी हो सकते हैं. भारत में ओरल कैंसर के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है, और विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे हैं कि हर छाले को मामूली समझना खतरनाक हो सकता है.
भारत दुनिया के उन देशों में शामिल है जहां ओरल कैंसर के सबसे अधिक मामले सामने आते हैं. इसकी एक बड़ी वजह है तंबाकू और गुटखा का सेवन, लेकिन गैर-धूम्रपान करने वालों में भी अब यह खतरा बढ़ रहा है, खासतौर पर जिनके मुंह में बार-बार छाले होते हैं या लंबे समय तक घाव ठीक नहीं होते. विशेषज्ञों के अनुसार, अगर कोई छाला दो सप्ताह से अधिक समय तक ठीक न हो, उसमें दर्द के साथ-साथ खून आए या वह सफेद या लाल रंग के पैच में बदल जाए, तो यह कैंसर का संकेत हो सकता है.
कैसे पहचानें खतरनाक लक्षण?* दो हफ्ते से अधिक समय तक ठीक न होने वाला छाला* छाले के स्थान पर सफेद या लाल रंग का असामान्य पैच* चबाने या बोलने में परेशानी* जबड़े या गले में जकड़न महसूस होना* मुंह से लगातार बदबू आना* वजन अचानक कम होना
मुंह के कैंसर को यदि शुरुआत में पहचान लिया जाए तो इसका इलाज संभव है. इसलिए समय पर जांच और सतर्कता बेहद जरूरी है. यदि आप तंबाकू, गुटखा या सुपारी का सेवन करते हैं, तो नियमित रूप से डेंटल चेकअप कराना आपकी प्रायोरिटी होनी चाहिए. डॉक्टरों की मानें तो बीटेल नट (सुपारी), एल्कोहल, खराब ओरल हाइजीन और एचपीवी वायरस भी मुंह के कैंसर के खतरे को बढ़ाते हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय और डेंटल स्पेशलिस्ट की सलाह है कि अगर मुंह में बार-बार छाले हों या असामान्य बदलाव दिखें, तो तुरंत विशेषज्ञ से संपर्क करें.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
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