Health

How many cells are in the human body latest study revealed the exact number | Cells In Human Body: इंसान के शरीर में कितने सेल्स होते हैं? शोध में पता चली सटीक संख्या



मानव शरीर में मौजूद कोशिकाओं (cells) की सटीक संख्या का पता चल गया है. पुरुषों में 36 लाख करोड़ कोशिकाएं होती हैं, जबकि महिलाओं में यह संख्या 28 लाख करोड़ है. विज्ञान पत्रिका ‘द प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज’ में प्रकाशित एक अध्ययन में ये जानकारी सामने आई है.
कनाडा के मैकगिल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने 60 विभिन्न टिशू, नर्व सेल्स, न्यूरॉन्स और 400 से अधिक प्रकार की अन्य कोशिकाओं की संख्या व आकार की जांच के आधार पर ये निष्कर्ष निकाला. अध्ययन के नतीजे 1500 से अधिक शोध पत्रों के विश्लेषण पर आधारित हैं. इसके अनुसार 10 वर्षीय बच्चे में इनकी संख्या 17 करोड़ होती है.दो लाख करोड़ व्हाइट ब्लड सेल्सअध्ययन के मुताबिक, मानव शरीर में कुल दो लाख करोड़ लिम्फोसाइट्स (व्हाइट ब्लड सेल्स) होती हैं, जो पिछले अनुमान यानी 50 हजार करोड़ से चार गुना अधिक हैं. यह एचआईवी या ल्यूकेमिया जैसी इम्यून सिस्टम से संबंधित बीमारियों और उसके इलाज में महत्वपूर्ण साबित हो सकती हैं. अध्ययन के मुताबिक, सेल्स का आकार और संख्या शरीर के विकास और कामों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. शरीर में सेल्स के द्रव्यमान का वितरण मुख्य रूप से मसल्स और फैट की सेल्स द्वारा नियंत्रित होता है.
क्या हैं सेल्स?सभी टिशू व अंग असंख्य सेल्स से बने होते हैं. ये आकार में भिन्न होती है, लेकिन बहुत छोटी होती हैं. सबसे बड़ी कोशिका भी आकार में इतनी छोटी होती है कि उसे बगैर माइक्रोस्कोप के नहीं देखा जा सकता.
हार्मोन और एंजाइम का उत्पादन करती हैंकुछ सेल्स अपनी प्राथमिक क्रिया के रूप में जटिल पदार्थों जैसे हार्मोन और एंजाइम का उत्पादन करती हैं. हार्मोन वे रासायनिक संदेशवाहक हैं, जो शरीर की गतिविधियों को नियंत्रित करते हैं. जैसे इंसुलिन रक्त शर्करा स्तरों को नियंत्रित करने में मदद करने के लिए अग्नाशय में मौजूद कुछ सेल्स द्वारा उत्पादित एक हार्मोन है.
कैंसर से लड़ने के लिए माइक्रोआरएनए जरूरीवैज्ञानिकों ने माइक्रोआरएनए के एक छोटे से स्ट्रैंड की पहचान की है, जो कैंसर से लड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. अमेरिका में मैसाचुसेट्स- एमहर्स्ट यूनिवर्सिटी की टीम ने पाया कि लेट-7 नामक माइक्रोआरएनए में भी टी-सेल्स की तरह ट्यूमर सेल्स को पहचानने और याद रखने की क्षमता है. नेचर कम्युनिकेशंस पत्रिका में अध्ययन प्रकाशित हुआ है.



Source link

You Missed

नक्सली हथियार छोड़ने को तैयार! डिप्‍टी CM बोले- लेटर की सत्‍यता की जांच जरूरी
Uttar PradeshSep 17, 2025

महर्षि वाल्मीकि एयरपोर्ट की छत से पानी टपकने लगा, दो साल पुराना निर्माण गुणवत्ता पर उठे सवाल।

अयोध्या में महर्षि वाल्मीकि इंटरनेशनल एयरपोर्ट की छत से पानी टपकने लगा है। यह बातें सोशल मीडिया पर…

Scroll to Top