Health

How expensive is to get fair skin Dermatologist talk about glutathione therapy effects dangers shefali death | Explainer: गोरा होना कितना महंगा? डर्मेटोलॉजिस्ट ने बताया ग्लूटाथियोन थेरेपी असरदार या खतरनाक



‘अगर कोई सुंदर दिखना चाहता है तो इसमें क्या गलत है’ लेट एक्ट्रेस शेफाली जरीवाला से जब पहली बार एंटी-एजिंग ट्रीटमेंट करवाने पर सवाल पूछा गया था, तब उन्होंने बिल्कुल यही जवाब दिया था. सुंदर और जवां दिखने के लिए लोग काफी खर्च कर रहे हैं. पहले जहां इसके लिए टेम्पोरारी मेकअप की मदद ली जाती थी, अब लोग लॉन्ग लास्टिंग इफेक्ट के लिए महंगे और दर्दनाक ट्रीटमेंट और थेरेपी ले रहे हैं. यह कहना गलत नहीं कि मॉडल और एक्टर- एक्ट्रेस में परफेक्ट लुक और लंबे करियर के लिए अब ये कॉस्मेटिक ट्रीटमेंट जरूरत बनती जा रही हैं. इससे काफी हद अच्छे परिणाम मिलते हैं. लेकिन इसके साइड इफेक्ट्स को भी नहीं नकारा जा सकता है. हाल ही में 42 साल की शेफाली जरीवाला की मौत को भी इसका ही नतीजा बताया जा रहा है. 
यदि आप अपनी स्किन टोन को लाइट करना चाहते हैं, और पिछले कुछ दिनों से ग्लूटाथियोन का नाम बार-बार सून रहे हैं, तो यह आपके लिए बहुत जरूरी है. ग्लूटाथियोन एक ब्यूटी मेडिसिन है. रिपोर्ट के अनुसार शेफाली भी इसका डोज ले रही थीं. हालांकि यह इकलौती नहीं है. स्किन लाइटनिंग और ग्लोइंग के लिए कई सेलिब्रिटीज और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर इसका इस्तेमाल करते हैं. ताकि कैमरे पर उम्र का असर न दिखें. क्योंकि इस इंडस्ट्री में लुक ही सब कुछ है. यदि आप यंग नहीं दिखते तो आपको काम मिलना मुश्किल हो सकता है. लेकिन क्या ग्लूटाथियोन सेफ है? शेफाली जरीवाला की मौत में इसका रोल क्या था? गोरा होना कितना महंगा है? चलिए यहां इन सवालों के जवाब खोजने की कोशिश करते हैं. 
इसे भी पढ़ें- Explainer: क्या सिर्फ ‘बच्चा पैदा करने वाला अंग’ है यूट्रस? स्त्री विशेषज्ञ से समझें बच्चेदानी क्यों जरूरी
 
क्या है ग्लूटाथियोन
डॉ. चांदनी जैन गुप्ता, एमबीबीएस एंड एमडी एलांटिस हेल्थकेयर, नई दिल्ली में डर्मेटोलॉजिस्ट हैं, उन्होंने बताया कि ग्लूटाथियोन एक नेचुरल एंटीऑक्सीडेंट है, जो हमारे शरीर की हर कोशिका में पाया जाता है. यह शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालने, टिशू को हील करने, इम्यूनिटी को बढ़ाने और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से बचाने में अहम भूमिका निभाता है. यह तीन अमीनो एसिड- सिस्टीन, ग्लाइसिन और ग्लूटामिक एसिड से मिलकर बना होता है. लेकिन हाल के वर्षों में यह त्वचा को गोरा और चमकदार बनाने के लिए काफी ज्यादा इस्तेमाल किया जा रहा है. यह मेलेनिन को कंट्रोल करता है, जो स्किन टोन को डार्क बनाने के लिए जिम्मेदार होता है. ग्लूटाथियोन टायरोसिनेस नामक एंजाइम की क्रिया को रोकता है, जिससे मेलानिन बनना कम हो जाता है. इससे धीरे-धीरे त्वचा का रंग हल्का हो सकता है और दाग-धब्बों में भी कमी आती है. त्वचा को गोरा करने के अलावा, यह फ्री रेडिकल्स से फाइट करके उम्र बढ़ने से भी रोकता है, जो त्वचा कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं और झुर्रियों और सुस्ती का कारण बनते हैं.
 
ग्लूटाथियोन का उपयोग कैसे किया जाता है?
स्किन एक्सपर्ट बताती हैं कि त्वचा को निखारने के लिए ग्लूटाथियोन का उपयोग मुख्य रूप से तीन तरीकों से होता है- 
1- ओरल सप्लीमेंट– यह विटामिन C के साथ मिलाकर लिया जाता है ताकि शरीर में बेहतर अवशोषण हो सके. यह तरीका आसान और सुविधाजनक तो है लेकिन इसका असर धीमा होता है क्योंकि ये सप्लीमेंट पाचन प्रक्रिया से गुजरते हैं.
2- टॉपिकल क्रीम या लोशन– यह सीधे त्वचा पर लगाए जाते हैं, लेकिन इनका असर केवल सतही होता है और पूरे शरीर को गोरा करने में ये कारगर नहीं माने जाते.
3- इंट्रावीनस (IV) इंजेक्शन या थेरेपी– यह तरीका सबसे तेज और असरदार माना जाता है क्योंकि इसमें ग्लूटाथियोन को सीधा खून में इंजेक्ट किया जाता है, जिससे इसका असर जल्दी दिखता है.
IV ग्लूटाथियोन थेरेपी का असर
इस थेरेपी में आमतौर पर हफ्ते में 1 या 2 बार इंजेक्शन दिए जाते हैं. 4–6 सेशन के बाद लोगों को त्वचा में हल्की चमक दिखने लगती है, और बेहतर परिणाम पाने के लिए 2–3 महीने तक नियमित सेशन लेना जरूरी होता है. लेकिन इसके साथ कुछ साइड इफेक्ट्स भी जुड़े हैं. ये थेरेपी लेने पर आपको सिरदर्द, मितली, पेट में ऐंठन और त्वचा पर रैशेज, कुछ मामलों में एलर्जी और सांस लेने में दिक्कत, अधिक मात्रा में लेने से लिवर और किडनी पर असर. इसलिए यह जरूरी है कि ग्लूटाथियोन IV थेरेपी केवल किसी डर्मेटोलॉजिस्ट की निगरानी में ही कराई जाए.
किन लोगों को नहीं लेनी चाहिए यह थेरेपी?
डॉक्टर गुप्ता बताती हैं कि यह थेरेपी सबके लिए कारगर नहीं है. यह थेरेपी गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएं, अस्थमा, किडनी या लिवर रोग से पीड़ित व्यक्ति, कैंसर ट्रीटमेंट ले रहे मरीज, या एलर्जी पर शिकायत होने पर नहीं लेनी चाहिए. 
क्या यह त्वचा को स्थायी रूप से गोरा बना देता है?
स्किन एक्सपर्ट बताती हैं कि ग्लूटाथियोन के नतीजे व्यक्ति की त्वचा की मौजूदा रंगत, मेटाबॉलिज्म, डोज और लाइफस्टाइल पर निर्भर करते हैं. गोरी से मीडियम रंगत वाले लोगों में इसका असर जल्दी दिखता है, लेकिन सांवली या डार्क स्किन वाले लोगों को कम और धीरे असर नजर आता है. ध्यान रखने वाली बात यह है कि इसका असर स्थायी नहीं होता. जैसे ही थेरेपी बंद की जाती है, त्वचा धीरे-धीरे अपनी असली रंगत में लौट आती है. इसे बनाए रखने के लिए ओरल सप्लीमेंट या मेंटेनेंस डोज की जरूरत होती है. साथ ही, सनस्क्रीन का उपयोग और धूप से बचाव जरूरी होता है, क्योंकि UV किरणें मेलानिन को बढ़ाती हैं.
कितनी महंगी है IV ग्लूटाथियोन थेरेपी?
ग्लूटाथियोन IV थेरेपी का कॉस्ट क्लिनिक, डोज और सेशन की संख्या के आधार पर अलग-अलग होती है. आमतौर पर एक सेशन की कीमत लगभग 5,000-7,000 से शुरु होता है.
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.



Source link

You Missed

Women ‘largest minority’, why not give representation without reservation, asks SC
Top StoriesNov 11, 2025

महिलाएं सबसे बड़ी अल्पसंख्यक समूह हैं, तो आरक्षण के बिना प्रतिनिधित्व क्यों नहीं दें, पूछता है सुप्रीम कोर्ट।

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को यह जानने के लिए कहा कि क्यों न महिलाओं को लोकसभा…

authorimg
Uttar PradeshNov 11, 2025

जनसामान्य की राय: बचपन से ही देशभक्ति की भावना पैदा होगी…यूपी के सभी स्कूलों में वंदे मातरम अनिवार्य होने पर युवा ने दिए अपने विचार

उत्तर प्रदेश के सभी शिक्षण संस्थानों में अब राष्ट्रगान के साथ-साथ राष्ट्रगीत वंदे मातरम का भी गायन अनिवार्य…

Scroll to Top