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How does Osteogenesis Imperfecta OI disease make bones brittle Know its causes and effects | हड्डियों को अंदर से कमजोर कर भुरभुरा बना देती है ये खतरनाक बीमारी, खत्म हो जाती है शरीर की ताकत



Osteogenesis Imperfecta: ऑस्टियोजेनेसिस इम्परफेक्टा (OI), जिसे आम भाषा में “कांच जैसी हड्डियों की बीमारी” कहा जाता है, एक रेयर लेकिन सीरियस जेनेटिक डिजीज है. इस बीमारी में मरीज की हड्डियां असामान्य रूप से कमजोर और भुरभुरी हो जाती हैं, जिससे हल्की-सी चोट या कभी-कभी बिना किसी कारण के भी हड्डियां टूट जाती हैं. ये बीमारी जन्म से ही मौजूद होता है और जिंदगीभर पेशेंट को हड्डियों से जुड़ी परेशानियों से जूझना पड़ता है.
ये बीमारी होती क्यों है?ऑस्टियोजेनेसिस इम्परफेक्टा का बड़ा कारण शरीर में कोलेजन (Collagen Type I) नामक प्रोटीन की कमी या उसकी क्वालिटी में गड़बड़ी होना है. ये कोलेजन हड्डियों, त्वचा, दांत और टेंडन को मजबूती देने में अहम रोल अदा करता है. जब कोलेजन सही मात्रा में नहीं बन पाता या उसका ढांचा डिफेक्टिव होता है, तो हड्डियां पूरी तरह विकसित नहीं हो पातीं और कमजोर रह जाती हैं.
ये बीमारी अक्सर COL1A1 और COL1A2 नामक जीनों में होने वाले म्यूटेशन (Genetic Mutation) के कारण होती है. ये म्यूटेशन माता-पिता से विरासत में भी मिल सकता है या फिर किसी बच्चे में खुद ब खुद भी विकसित हो सकता है.
हड्डियों पर असर कैसे पड़ता है?
1. भुरभुरापनकोलेजन की कमी के कारण हड्डियों की बनावट कमजोर हो जाती है.उनमें लचीलापन और मजबूती नहीं होती, जिससे वो आसानी से टूट सकती हैं.
2. बार-बार फ्रैक्चरहल्की चोट या गिरने से भी ऑस्टियोजेनेसिस इम्परफेक्टा से ग्रसित बच्चों और वयस्कों की हड्डियां कई बार टूट जाती हैं.
3. हड्डियों का टेढ़ा होनाकमजोर हड्डियां ठीक से विकसित नहीं होतीं और शरीर का ढांचा असामान्य हो सकता है, जैसे टेढ़ी रीढ़ या टेढ़े पैर.
4. हड्डियों की स्लो ग्रोथबच्चों में हाइट नॉर्मल से कम रह जाती है और फिजिकल ग्रोथ पर भी असर
अन्य लक्षण
1. नीली आंखों की सफेद परत (blue sclera)
2. दांतों का कमजोर होना (dentinogenesis imperfecta)
3. सुनने में कमी (hearing loss)
4. जोड़ों में लचीलापन और दर्द 
इसका इलाज
1. ऑस्टियोजेनेसिस इम्परफेक्टा का कोई परमानेंट इलाज नहीं है, लेकिन सही देखभाल से लाइफ की क्वालिटी को बेहतर बनाया जा सकता है.
2. फिजियोथेरेपी और हल्की एक्सरसाइज से मांसपेशियां मजबूत होती हैं.
3. बिसफॉस्फोनेट दवाएं हड्डियों की मजबूती बढ़ाने में मदद करती हैं.
4. गंभीर मामलों में सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है.

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.



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