Last Updated:July 27, 2025, 17:49 ISTNeem Ka Upyog: नीम की छाल में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-सेप्टिक गुण होते हैं, जो घाव को जल्दी भरने में मदद करते हैं. आयुर्वेद डॉक्टर संतोष कुमार श्रीवास्तव और ललिता मिश्रा ने इसके उपयोग का तरीका बताया है.हाइलाइट्सनीम की छाल में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं.नीम की छाल का लेप पुराने घावों को भरने में मदद करता है.नीम की छाल का लेप बनाना बेहद आसान और कारगर है.सुल्तानपुर: कई बार खेतों में काम करते हुए, बाइक स्टार्ट करते समय, गिरने पर या किसी भारी चीज से चोट लगने पर हमारे शरीर के किसी हिस्से में घाव हो जाता है. अक्सर ये घाव दिनों तक ठीक नहीं होते. दवाइयां लगाने के बाद भी आराम नहीं मिलता. ऐसे में लोग परेशान हो जाते हैं कि अब क्या किया जाए. लेकिन आज हम आपको एक ऐसा देसी और बेहद आसान घरेलू उपाय बताने जा रहे हैं, जिससे न सिर्फ नया घाव ठीक हो सकता है, बल्कि पुराना और जिद्दी घाव भी जल्द भर जाता है. यह उपाय बिल्कुल फ्री है और इसके लिए आपको बस नीम के पेड़ की छाल चाहिए. आइए जानते हैं इसके इस्तेमाल का तरीका.
नीम की छाल में छुपा है प्राकृतिक इलाजमेडिकल कॉलेज सुल्तानपुर में तैनात आयुर्वेद डॉक्टर संतोष कुमार श्रीवास्तव के अनुसार, नीम की सूखी छाल में कई तरह के औषधीय गुण होते हैं. खासकर इसमें एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-सेप्टिक गुण मौजूद होते हैं, जो घाव को जल्दी भरने में मदद करते हैं. डॉक्टर श्रीवास्तव बताते हैं कि अगर किसी व्यक्ति का पुराना घाव है, जो बार-बार रिसता है या ठीक नहीं हो रहा है, तो नीम की छाल का लेप काफी कारगर होता है. यह पुराने से पुराना घाव भी कुछ ही दिनों में भर देता है.
कैसे बनाएं नीम की छाल का लेप
स्थानीय घरेलू नुस्खों की जानकार ललिता मिश्रा बताती हैं कि नीम की छाल का लेप बनाना बेहद आसान है. इसके लिए आपको सिर्फ नीम की छाल और थोड़ा सा पानी चाहिए.
सबसे पहले नीम के पेड़ से छाल तोड़कर लाएं. अब किसी पत्थर या सिल पर 5–6 बूंद पानी डालें. इसके बाद नीम की छाल को अच्छे से रगड़ें, जब तक वह लेप जैसा न बन जाए. फिर इस तैयार लेप को सीधे घाव वाली जगह पर लगाएं. दिन में दो बार यह प्रक्रिया दोहराएं. इससे घाव जल्दी सूखने लगेगा और जलन भी कम हो जाएगी.
बेहद कारगर है यह देसी तरीका
स्थानीय निवासी गीता देवी बताती हैं कि यह नुस्खा कोई नया नहीं है. उनके बचपन में गांवों में जब लोग खेतों में काम करते समय फावड़े या किसी अन्य चीज से घायल हो जाते थे, तब नीम की छाल का लेप ही सबसे भरोसेमंद इलाज माना जाता था. उस समय दवाइयां उपलब्ध नहीं होती थीं. ऐसे में नीम की छाल को पत्थर पर घिसकर उसका लेप बना लिया जाता था और घाव पर लगा दिया जाता था. कुछ ही दिनों में घाव सूख जाता था और दर्द भी कम हो जाता था.
Location :Sultanpur,Uttar Pradeshhomelifestyleघाव चाहे कितना भी पुराना हो, एक बार आजमा लीजिए ये नुस्खा, असर देख चौंक जाएंगेDisclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.