06 डलमऊ नगर पंचायत के चेयरमैन प्रतिनिधि पंडित शुभम गौड़ बताते हैं कि सभी लोग अपने राजा की मौत पर शोक मनाते हैं. महिलाएं भी इस दिन श्रृंगार नहीं करती. साथी होलिका उत्सव के चार दिन बाद यह त्यौहार डलमऊ के 28 गांव में मनाया जाता है. इतिहासकार डॉ. आरबी वर्मा बताते है कि डलमऊ तहसील क्षेत्र के मुर्शिदाबाद, नाथखेड़ा, पूरे नाथू, पूरे गडरियन नेवाजगंज सहित 28 गांव में होलिका उत्सव का त्योहार होली वाले दिन नहीं मनाया जाता है, क्योंकि इस दिन डलमऊ नगरी के संस्थापक महाराज डल देव युद्ध में वीरगति को प्राप्त हुए थे.



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