यूपी के इस गांव में पैदा होना ‘श्राप’, बड़े होते ही टेढ़े हो जाते हैं पैर
जौनपुर. उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के मुंगराबाद शाहपुर क्षेत्र में स्थित फत्तूपुर कला गांव में पैदा होने वाले बच्चे जब बड़े होते हैं तो उनके हाथ और पैरों में टेढ़ापन आना शुरू हो जाता है. यह एक व्यक्ति या एक परिवार की समस्या नहीं, बल्कि कई घरों की साझा पीड़ा है. इसी बीमारी ने गांव के स्वामी नाथ गौतम (55) और उनकी पत्नी प्रेमा देवी (50) की जिंदगी बदल दी है. शादी के लगभग 15 साल बाद प्रेमा देवी के दोनों पैरों में टेढ़ापन आ गया था. उनकी बेटी साधना गौतम (18) को पांच साल की उम्र के बाद दोनों पैरों में टेढ़ापन हो गया था. बेटा शिवपूजन गौतम (14) तो और भी ज्यादा प्रभावित हुआ—पांच साल का होते-होते उसके हाथ और पैर दोनों टेढ़े होने लगे.
इसी गांव के राधेश्याम गौतम की पत्नी सीता देवी और बेटी रोशनी भी इस रहस्यमयी बीमारी के शिकार होकर जिंदगी से हार गईं. लालमन गौतम के बेटे सुरेंद्र गौतम और राजेंद्र गौतम आज भी दिव्यांग जीवन जीने को मजबूर हैं. पीड़ित परिवारों का कहना है कि सरकार दिव्यांगों के लिए योजनाएं तो बनाती है, लेकिन यहां के लोगों तक कोई सुविधा नहीं पहुंचती. न तो पेंशन मिली, न ट्राईसाइकल, न ही किसी तरह का इलाज. गांव के लोग शिकायत करते हैं कि सरकार का दिव्यांगों के लिए बजट कागजों में खर्च दिखा दिया जाता है, लेकिन धरातल पर यहां कुछ नहीं पहुंचता.
गांव के लोग सरकार और प्रशासन से अपील करते रहे हैं कि तुरंत इस गंभीर समस्या की जांच कराई जाए और प्रभावित परिवारों को सरकारी सुविधाएं दी जाएं. उनकी एक ही मांग है, “हमारे बच्चों का भविष्य बचाइए.” गांव के लोगों का कहना है कि यह बीमारी क्यों होती है, इसका कारण अब तक पता नहीं चल सका है. शायद यह कोई अनुवांशिक समस्या है या फिर पानी और मिट्टी से जुड़ी कोई बीमारी. लेकिन अब तक कोई मेडिकल टीम गांव में जांच के लिए नहीं पहुंची. गरीब परिवार इलाज कराने में सक्षम नहीं हैं और धीरे-धीरे पूरी की पूरी पीढ़ियां इस बीमारी की चपेट में आ रही हैं.