Last Updated:August 01, 2025, 20:57 ISTउत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले का केसरिया और शहजादपुर गांव इन दिनों कागदी प्रजाति की नींबू की खेती के लिए चर्चा में है. यहां के किसान बनवारी लाल ने वर्षों की मेहनत और अनुभव से यह साबित कर दिया है कि अगर फसल का चय…और पढ़ेंकौशांबी: उत्तर प्रदेश का कौशांबी जिला सिर्फ ऐतिहासिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि नींबू की खेती के लिए भी अब पहचान बना रहा है. जिले के केसरिया गांव में वर्षों से बड़े पैमाने पर नींबू की खेती की जा रही है. वहीं, शहजादपुर गांव के प्रगतिशील किसान बनवारी लाल ने कागदी प्रजाति के नींबू की सफल फसल तैयार की है.
किसान बनवारी लाल के अनुसार, कागदी प्रजाति का नींबू साल में चार बार फल देता है, जिससे किसानों को लगातार आय का स्रोत बना रहता है. इस प्रजाति की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसके फल साफ-सुथरे, टिकाऊ और अच्छी गुणवत्ता वाले होते हैं. इससे बाजार में इसकी मांग और कीमत दोनों अच्छी रहती हैं.
नींबू की बागवानी के लिए तकनीकी जानकारी
कागदी नींबू की बागवानी के लिए प्रत्येक पौधे के बीच 20 सेंटीमीटर की दूरी रखनी चाहिए. पौधे की रोपाई से पहले गड्ढे खोदकर उनमें ऊपरी सतह की मिट्टी, गोबर की खाद और सुपर फास्फेट मिलाना जरूरी होता है. पौधे जून-जुलाई के महीनों में लगाए जाने चाहिए क्योंकि इस समय मानसून शुरू होता है और भरपूर पानी मिलने से पौधों की ग्रोथ तेजी से होती है.
100 साल तक देगा लाभबनवारी लाल का कहना है कि कागदी प्रजाति की नींबू की उम्र लगभग 100 साल होती है. यानी एक बार बागवानी करने पर 100 वर्षों तक मुनाफा कमाया जा सकता है. इस प्रजाति से उत्पादन अधिक होता है और फसल की कीमत भी बाजार में अच्छी मिलती है. अगर कोई किसान एक बीघा भूमि पर कागदी नींबू की खेती करता है तो वह प्रति वर्ष 1 से 1.5 लाख रुपये तक की कमाई कर सकता है. इसके अलावा इस प्रजाति की तुलना में हाइब्रिड नींबू की फसल सिर्फ साल में दो बार ही फल देती है.Location :Kaushambi,Uttar PradeshFirst Published :August 01, 2025, 20:57 ISThomeagricultureएक बार लगाएं-100 साल कमाएं!, खेत में लगा दें इस प्रजाति का नींबू, जानें विधि