High Cholesterol Symptoms: मौजूदा दौर में ज्यादातर लोगों की लाइफस्टाइल ऐसी हो गई है जिससे उनका कोलेस्ट्रॉल बढ़ना आम हो गया है. जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी में तरक्की हो रही है, वैसे-वैसे हम पहले के मुकाबले ज्यादा आलसी होते जा रहे हैं, फिजिकल एक्टिविटीज और ऑयली फूड की वजह से हमारे शरीर में फैट जमा होने लगता है, यही आगे चलकर हाई ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure), डायबिटीज (Diabetes), हार्ट अटैक (Heart Attack), कोरोनरी आर्टरी डिजीज (Coronary Artery Disease), ट्रिपल वेसेल डिजीज (Triple Vessel Disease) जैसी बीमारियों को जन्म देता है
आखिर किसे कहते हैं कोलेस्ट्रॉल?
कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) एक चिपचिपा पदार्थ होता है जो गुड और बैड यानी अच्छा या बुरा दोनों हो सकता है. गुड कोलेस्ट्रॉल के जरिए शरीर में हेल्दी सेल्स बनते हैं, वहीं बैड कोलेस्ट्रॉल दिल की बीमारियों (Heart Disease) और मधुमेह का खतरा बढ़ा देता है.
खून में कितना होना चाहिए कोलेस्ट्रॉल?
तय मानको के मुताबिक हेल्दी एडल्ट्स में 200 मिलीग्राम/डीएल तक कोलेस्ट्रॉल होना चाहिए, अगर यही लेवल 240 मिलीग्राम/डीएल के पार पहुंच जाए तो समझ जाएं कि खतरा बढ़ चुका है और आपको अपनी जीवनशैली और खान पान में बदलाव लाने की जरूरत है.
कहीं आपको पेरिफेरल आर्टरी डिजीज तो नहीं?
खून में अगर कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ जाए तो आपको पेरिफेरल आर्टरी डिजीज (Peripheral Artery Disease) भी हो सकती है. इससे धमनियों को नुकसान पहुचता है. दरअसल इससे धमनियां सिकुड़ने लगती हैं और ब्लड सर्कुलेशन पर बुरा असर होता है.
शरीर के इन हिस्सों में होता है तेज दर्द
डॉ. इमरान अहमद के मुताबिक चूंकि पेरिफेरल आर्टरी डिजीज (PAD) होने शरीर में खून का प्रवाह बाधित होता है जिससे बॉडी में चेंजेज आने तय हैं. जब आप एक्सरसाइज या हेवी वर्कआउट करते हैं तो जांघों, कूल्हों और पैरो में तेज दर्द होता है. इसलिए इस तरह के पेन को इग्नोर न करें और तुरंत कोलेस्ट्रॉल लेवल (Cholesterol Level) की जांच कराएं.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
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