यदि आपको सिरदर्द, अचानक चक्कर आना, सांस फूलना या सीने दर्द जैसी शिकायत बढ़ने लगी है, तो हो सकता है कि आप हाई बीपी मरीज हो. हालांकि यह लक्षण दूसरी किसी बीमारी के कारण हो सकता है, इसलिए जरूरी है डॉक्टर से परामर्श. इसके अलावा आप घर पर भी बीपी नापने की मशीन से अपना बीपी चेक कर सकते हैं.
बीपी से हार्ट अटैक का जोखिम तब होता है, जब सिस्टोलिक प्रेशर 180 से अधिक है या डायस्टोलिक प्रेशर 110 या उससे अधिक तक पहुंच जाता है. 18 से 65 उम्र के वयस्कों का बीपी 120/80mm Hg से कम होना चाहिए. यदि आपका बीपी 130/80 mm Hg है, तो सावधान हो जाएं. खासतौर पर इन लक्षणों के दिखते ही डॉक्टर से संपर्क करें.
हाई बीपी दिल के लिए क्यों खतरनाक
बीपी एक तरह के प्रेशर से संबंधित है, जिसका इस्तेमाल खून शरीर के सभी अंगों में पहुंचने के लिए करता है. ऐसे में हाई बीपी होने पर हार्ट को रेस्ट करने का पर्याप्त समय नहीं मिल पाता है. जिससे हार्ट बीट तेज होने लगती है और धमनियों के कमजोर होने के कारण हार्ट अटैक, स्ट्रोक, हार्ट फेलियर जैसे जानलेवा कंडीशन के बनने का खतरा होता है.
बीपी मरीजों में हार्ट अटैक के लक्षण- सीने में दर्द
सीने में तेज दर्द हार्ट अटैक आने से पहले सबसे ज्यादा महसूस किया जाने वाला लक्षण है. सामान्य तौर पर यह दर्द सीने के बीचों बीच या बायीं तरफ महसूस होता है. यह दर्द सीने में भारीपन और जकड़न की तरह महसूस हो सकता है.
हार्ट अटैक का दर्द कहां-कहां होता है
अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार, यदि आप हाथों, गर्दन, जबड़े और पेट में दर्द या असहजता महसूस हो तो यह हार्ट अटैक की चेतावनी हो सकती है.
इन चीजों का भी ध्यान रखें
सांस फूलना, भले ही सीने में दर्द हो या न महसूस हो दिल पर दबाव का संकेत हो सकता है. साथ ही मतली और चक्कर सा महसूस होना भी हार्ट अटैक के लक्षणों में शामिल है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)