Difference Between High and Low BP: आज के समय में ब्लड प्रेशर की समस्या एक आम समस्या बन गई है. किसी को हाई तो किसी को लो BP की समस्या होती ही है. ये दोनों कंडीशन ही अपने-अपने जगह पर बेहद गंभीर है. लेकिन अक्सर इनके लक्षणों को लेकर लोग कंफ्यूज हो जाते हैं, जिसका नतीजा बंहद खतरनाक हो सकता है. दरअसर दोनों समस्या एक दूसरे से बेहद अलग है, इसके इलाज के तरीके भी अलग है. ऐसे में अगर आप हाई बीपी को लो बीपी समझकर इलाज करने लगे, तो ये आपकी हाई बीपी को और बड़ा सकता है, जो जानलेवा भी साबित हो सकता है. इस खबर में हम आपको दोनों के बीच का अंतर बताएंगे.
सिरदर्द और चक्कर आनाहाई बीपी में अक्सर सिर में भारीपन, तेज सिरदर्द और प्रेशर महसूस होता है. कई बार सिर के पीछे वाले हिस्से में ज्यादा दर्द हो सकता है. वहीं अगर लो बीपी की बात करें, तो इसमें व्यक्ति को अचानक चक्कर आ सकता है. कई बार आंखों के आगे अंधेरा छा सकता है और खड़े होते ही कमजोरी महसूस होती है.
सांस लेने में तकलीफ और थकानआमतौर पर हाई बीपी में व्यक्ति की सांस फूलने लगती है, छाती में प्रेशर या बेचैनी महसूस होती है. इसके साथ-साथ हार्ट बीट भी तेज हो सकती है. वहीं लो बीपी वाले लोगों को लगातार थकान, सुस्ती और कमजोरी का एहसास होता है. इस स्थिति में व्यक्ति को दिनभर काम करने की एनर्जी भी नहीं मिलती है.
नाक से खून और ठंडे हाथ-पैरकई बार ब्लड प्रेशर बहुत ज्यादा बढ़ने पर व्यक्ति की नाक से खून भी आ सकता है. वहीं इस स्थिति में व्यक्ति का चेहरा लाल हो जाता है और पसीना आने लगता है. इसी जगह पर लो बीपी से जूझ रहे लोगों के हाथ-पैर ठंडे पड़ जाते हैं, उनकी स्किन पीली दिखाई देती है और शरीर में ब्लड फ्लो सही तरीके से नहीं हो पाता.
ब्लरड विजन और बेहोशीहाई बीपी में पेशेंट को आंखों के आगे धुंधलापन, झिलमिलाहट और कभी-कभी आंखों में दर्द महसूस हो सकता है. लंबे समय तक हाई बीपी रहने पर स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ सकता है. वहीं अगर लो बीपी से जूझ रहे लोगों की बात करें, तो ऐसी स्थिति में अचानक बेहोशी जैसी हालत हो सकती है. खासकर ज्यादा देर खाली पेट रहने या डिहाइड्रेशन से खतरा बढ़ जाता है.
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.