Health

Heart disease risk is higher in women with this type of pregnancy claim latest study | गर्भवती महिलाएं हो जाएं सावधान, इस तरह की प्रेग्नेंसी से बढ़ता है दिल की बीमारी का खतरा



प्रेग्नेंसी किसी भी महिला के लिए जीवन का सबसे खूबसूरत और खास समय होता है, लेकिन अगर थोड़ी भी लापरवाही बरती जाए, तो यह सेहत के लिए गंभीर खतरा भी बन सकता है. हाल ही में हुई एक स्टडी में खुलासा हुआ है कि कुछ विशेष परिस्थितियों में गर्भवती महिलाओं को हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है. खासकर हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज या पहले से दिल की बीमारी से जूझ रही महिलाओं को ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है.
एक हालिया अध्ययन में खुलासा हुआ है कि जिन महिलाओं की जुड़वां संतान होती है, उनमें भविष्य में दिल की बीमारी का खतरा ज्यादा होता है. यह शोध यूरोपियन हार्ट जर्नल में प्रकाशित हुआ है और इसमें बताया गया है कि जुड़वां गर्भधारण के दौरान दिल को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है, जिससे बाद में दिल से जुड़ी समस्याएं बढ़ सकती हैं.
जुड़वां प्रेग्नेंसी और दिल की बीमारी का बढ़ता खतराशोध के मुताबिक, जुड़वां गर्भधारण करने वाली महिलाओं में दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा सिंगलटन प्रेग्नेंसी यानी एक बच्चे को जन्म देने वाली महिलाओं की तुलना में ज्यादा पाया गया. शोध में 2010 से 2020 के बीच अमेरिका में 3.6 करोड़ अस्पताल प्रसव के मामलों का विश्लेषण किया गया. शोध में पाया गया कि जिन महिलाओं ने जुड़वां बच्चों को जन्म दिया, उनमें डिलीवरी के एक साल के भीतर दिल की बीमारी से संबंधित अस्पताल में भर्ती होने की दर 1,105.4 प्रति 1 लाख प्रसव रही. जबकि एकल गर्भधारण वाली महिलाओं में यह दर 734.1 प्रति 1 लाख प्रसव रही.
जिन महिलाओं को हाई ब्लड प्रेशर था, उनके लिए खतरा और भी ज्यादाअध्ययन में यह भी बताया गया कि जिन महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान हाई ब्लड प्रेशर या प्री-एक्लैंप्सिया जैसी समस्या थी, उनके लिए यह खतरा आठ गुना तक बढ़ सकता है. हालांकि, दिलचस्प रूप से, एक साल बाद यह पाया गया कि जिन महिलाओं ने हाई ब्लड प्रेशर के साथ सिंगलटन प्रेग्नेंसी की थी, उनमें मृत्यु दर जुड़वां प्रेग्नेंसी वाली महिलाओं की तुलना में ज्यादा थी.
क्यों बढ़ता है हार्ट अटैक का खतरा?विशेषज्ञों का कहना है कि जुड़वां प्रेग्नेंसी के दौरान महिला के शरीर और दिल पर ज्यादा दबाव पड़ता है. इससे ब्लड सर्कुलेशन पर प्रभाव पड़ता है और दिल को सामान्य स्थिति में लौटने में ज्यादा समय लगता है. शोधकर्ता डॉ. रूबी लिन के अनुसार, माताओं के दिल को जुड़वां गर्भावस्था में ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है और प्रसव के बाद उसे सामान्य होने में हफ्तों का समय लग सकता है.
किन महिलाओं को ज्यादा सावधानी बरतनी चाहिए?शोधकर्ताओं ने बताया कि खासतौर पर उन महिलाओं को सतर्क रहना चाहिए जो फर्टिलिटी ट्रीटमेंट ले रही हैं या फिर डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, मोटापा या दिल रोग जैसी समस्याओं से पहले से जूझ रही हैं. एक्सपर्ट का सुझाव है कि जुड़वां गर्भावस्था की प्लानिंग करने से पहले दिल की सेहत की जांच करानी चाहिए. साथ ही, डिलीवरी के बाद महिलाओं को अपनी दिल सेहत पर विशेष ध्यान देने और डॉक्टर से नियमित जांच कराने की जरूरत है.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.



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