Health Tips: पेड़ नहीं मेडिकल स्टोर है, छाल से लेकर पत्ता तक एनर्जी बूस्टर, दमा- एलर्जी का तो काल है

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पेड़ नहीं मेडिकल स्टोर है, छाल से लेकर पत्ता तक एनर्जी बूस्टर, दमा- एलर्जी का

Last Updated:May 01, 2025, 11:09 ISTkhejri ped ke fayde: खेजड़ी का पेड़ आयुर्वेद में औषधीय गुणों से भरपूर माना जाता है. यह इम्युनिटी बढ़ाने, त्वचा रोग, पाचन, सांस और जोड़ों की समस्याओं में लाभकारी है. धार्मिक दृष्टि से भी इसका विशेष महत्व है.X

चमत्कारी खेजड़ी का पेड़, इम्युनिटी बढ़ाने से लेकर स्किन डिजीज तक में है फायदेमंदहाइलाइट्सखेजड़ी का पेड़ प्राकृतिक इम्युनिटी बूस्टर है.खेजड़ी त्वचा रोगों और एलर्जी में असरदार है.खेजड़ी सांस संबंधी बीमारियों में राहत देती है.अंजू प्रजापति/रामपुर- प्रकृति ने हमें कई ऐसे वृक्ष दिए हैं जो औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं. उन्हीं में से एक है खेजड़ी का वृक्ष, जिसे आयुर्वेद में संजीवनी बूटी की तरह महत्व दिया जाता है. आयुष चिकित्सा अधिकारी डॉ. मोहम्मद इकबाल बताते हैं कि खेजड़ी न केवल औषधीय दृष्टि से अहम है, बल्कि यह स्थानीय लोगों की सेहत के लिए भी किसी वरदान से कम नहीं है.

प्राकृतिक इम्युनिटी बूस्टर है खेजड़ीडॉ. इकबाल के अनुसार, खेजड़ी एक प्राकृतिक इम्युनिटी बूस्टर है. इसके पत्तों और छाल से तैयार किया गया काढ़ा शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है. यह शरीर में मौजूद विषैले तत्वों को बाहर निकालने में सहायक होता है और रक्त को शुद्ध करता है.

त्वचा रोगों और एलर्जी में असरदारखेजड़ी की पत्तियां और छाल त्वचा संबंधी रोगों जैसे फोड़े-फुंसी, खुजली और एलर्जी में राहत देती हैं. इसका नियमित प्रयोग त्वचा को साफ और संक्रमण मुक्त रखने में मदद करता है.

पाचन और जोड़ों के लिए लाभकारीडॉ. इकबाल बताते हैं कि खेजड़ी के सेवन से पेट में कीड़े मर जाते हैं और पाचनतंत्र मज़बूत होता है. साथ ही यह जोड़ों के दर्द और गठिया जैसी समस्याओं में भी फायदेमंद है. इसके नियमित सेवन से सूजन में कमी आती है और हड्डियों को मजबूती मिलती है.

सांस संबंधी रोगों में राहतखेजड़ी सांस संबंधी बीमारियों जैसे दमा और खांसी में भी राहत देती है. इसकी औषधीय क्षमता फेफड़ों की कार्यक्षमता को बेहतर बनाती है और श्वसन तंत्र को मजबूत करती है.

खास बनावट और पर्यावरणीय अनुकूलताखेजड़ी एक मध्यम आकार का वृक्ष होता है जिसकी ऊंचाई लगभग 5 से 10 मीटर तक होती है. इसकी छोटी-छोटी पत्तियां और गर्मियों में खिलने वाले पीले फूल इसे विशिष्ट बनाते हैं. यह पेड़ सूखा सहन करने में सक्षम होता है और रेतीले क्षेत्रों में भी आसानी से उग जाता है.

धार्मिक और सांस्कृतिक महत्वखेजड़ी का महत्व केवल औषधीय ही नहीं, बल्कि धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है. विशेष रूप से राजस्थान में इसे जीवनदायिनी वृक्ष माना जाता है. वहां इसे संरक्षण और पूजन दोनों में विशेष स्थान प्राप्त है.

सेहत और पर्यावरण दोनों के लिए लाभकारीडॉ. इकबाल सुझाव देते हैं कि लोगों को अपने आस-पास खेजड़ी के वृक्ष लगाने चाहिए और इसके आयुर्वेदिक प्रयोगों को अपनाना चाहिए. इससे न केवल उनकी सेहत में सुधार होगा, बल्कि पर्यावरण को भी लाभ पहुंचेगा.
Location :Rampur,Uttar Pradeshhomelifestyleपेड़ नहीं मेडिकल स्टोर है, छाल से लेकर पत्ता तक एनर्जी बूस्टर, दमा- एलर्जी का

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