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Health Ministry issued new guidelines now it is mandatory to inform the Drugs Authority on return of medicine | दवाओं की वापसी पर ड्रग्स अथॉरिटी को सूचित करना अनिवार्य, स्वास्थ्य मंत्रालय ने कंपनियों के लिए जारी किए नए दिशानिर्देश



केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने दवाओं की वापसी के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए हैं. इन दिशानिर्देशों के तहत, दवा कंपनियों को किसी भी दवा को वापस लेने के बारे में लाइसेंसिंग प्राधिकारी को सूचित करना होगा और उत्पाद की खराबी के बारे में भी जानकारी देनी होगी.
अभी तक, दवा वापस लेने के बारे में लाइसेंस प्राधिकरण को सूचित करने का कोई प्रावधान नहीं था. नए दिशानिर्देशों के अनुसार, दवा कंपनियों को वापस ली गई दवाओं की सूची, वापसी का कारण और वापसी की प्रक्रिया के बारे में जानकारी देनी होगी.औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 का अनुसूची भाग ‘एम’ देश में औषधि विनिर्माण इकाइयों द्वारा अपनाई जाने वाली ‘अच्छी विनिर्माण प्रथाओं’ से संबंधित है. 28 दिसंबर को जारी किए गए नए दिशानिर्देशों में कहा गया है कि निर्माता को उत्पादों की गुणवत्ता के लिए जिम्मेदार होना चाहिए ताकि ‘उत्पाद अपने इच्छित उपयोग के लिए उपयुक्त हों, निर्माता लाइसेंस की आवश्यकताओं का अनुपालन करें और अपर्याप्त सुरक्षा, गुणवत्ता या प्रभावकारिता के कारण मरीजों को जोखिम में न डालें. ये दिशानिर्देश 2022 से कथित तौर पर घटिया भारतीय दवाओं और इसके कारण विदेश में होने वाली मौतों की शिकायतों की पृष्ठभूमि में जारी किए गए हैं.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने संशोधित अनुसूचि ‘एम’ दिशानिर्देशों की अधिसूचना जारी की है, जिसके तहत दवा कंपनियों को किसी दवा को वापस लेने के बारे में लाइसेंसिंग प्राधिकारी को सूचित करना होगा और उत्पाद की खराबी के बारे में भी जानकारी देनी होगी. अभी तक दवा वापस लेने के बारे में लाइसेंस प्राधिकरण को सूचित करने का कोई प्रावधान नहीं था.
नए दिशानिर्देशों का महत्वनए दिशानिर्देश मरीजों की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण हैं. इनसे यह सुनिश्चित होगा कि दवा कंपनियां घटिया दवाओं को बाजार में न ला सकें. इसके अलावा, अगर कोई दवा खराब हो जाती है, तो दवा कंपनियों को उसे जल्द से जल्द बाजार से हटाना होगा. ये दिशानिर्देश दवा कंपनियों के लिए भी महत्वपूर्ण हैं. इन दिशानिर्देशों का पालन करने से दवा कंपनियों को अपनी साख और प्रतिष्ठा को बनाए रखने में मदद मिलेगी.
क्या ये दिशानिर्देश पर्याप्त हैं?कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि ये दिशानिर्देश पर्याप्त नहीं हैं. उनका कहना है कि दवा कंपनियों को वापस ली गई दवाओं के कारण होने वाली किसी भी हानि के लिए अधिक सख्ती से उत्तरदायी बनाया जाना चाहिए.



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