आपका पूरा शरीर हड्डी के ढांचे पर टिका हुआ है. हड्डियां शरीर की बनावट के साथ मूवमेंट में मदद और अंगों को प्रोटेक्ट करने का काम करती है. लेकिन बढ़ती उम्र, शारीरिक गतिविधियों की कमी और खराब जीवनशैली के कारण हड्डियां कमजोर होने लगती हैं. कमजोर हड्डियां चोट और बीमारियों की चपेट में बहुत आसानी से आती है. कई बार हड्डी में इस तरह का डैमेज तुरंत दिखाई नहीं देता, इसलिए शुरुआती संकेत पहचानना बेहद जरूरी है. समय रहते इलाज शुरू करने से न केवल रिकवरी तेज होती है, बल्कि इससे अपाहिज या परमानेंट डैमेज का खतरा भी कम होता है.
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हड्डियों में लगातार रहने वाला दर्द
हड्डी को नुकसान अक्सर लंबे समय तक चलने वाले दर्द से शुरू होता है. यह दर्द आराम करने या सामान्य दर्द की दवाओं से ठीक नहीं होता. दर्द की तीव्रता हल्की सुन्नता से लेकर तेज चुभन जैसी हो सकती है. रात के समय या प्रभावित हड्डी का उपयोग करने पर यह दर्द बढ़ जाता है. यह लक्षण फ्रैक्चर, हड्डी में इंफेक्शन, ऑस्टियोपोरोसिस या हड्डी के कैंसर के कारण हो सकता है.
सूजन या गांठ बनना
हड्डी के आसपास सूजन आना भी शुरुआती लक्षण है. यह सूजन धीरे-धीरे बढ़ती है और कभी-कभी हाथ लगाने पर गर्म महसूस होती है. इसका कारण हड्डी के पास की ऊतकों में सूजन, ट्यूमर या असामान्य हड्डी का बढ़ना हो सकता है. सूजन के कारण पास के जोड़ हिलाने में दिक्कत होती है.
चलने-फिरने में कठिनाई
हड्डी को हुआ नुकसान पास के जोड़, मांसपेशियों और नसों को भी प्रभावित करता है, जिससे जकड़न, कमजोरी और मूवमेंट में कमी आती है. हाथ-पैर मोड़ने या सीधा करने में कठिनाई, चलने में लंगड़ापन, दर्द के साथ हलचल में कमी इसके लक्षण हैं. अगर नुकसान रीढ़ की हड्डी के पास है, तो कमजोरी या झुनझुनी जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं.
बिना चोट के हड्डी टूटना
कमजोर हड्डियां कई बार बिना किसी चोट के भी टूट सकती हैं, जिसे पैथोलॉजिकल फ्रैक्चर कहा जाता है. यह अक्सर ऑस्टियोपोरोसिस, हड्डी में इंफेक्शन या ट्यूमर के कारण होता है. इसमें झुकने, उठने या खांसने से भी हड्डी टूट सकती है.
पूरे शरीर में बदलाव
कुछ गंभीर हड्डी संबंधी बीमारियां, जैसे कैंसर या संक्रमण, शरीर में थकान, बिना वजह वजन घटना, हल्का बुखार और रात को पसीना आने जैसे लक्षण पैदा करती हैं. ये लक्षण हड्डियों के दर्द और सूजन के साथ दिखाई दें, तो तुरंत जांच करानी चाहिए.
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Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
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