अभिषेक माथुर/हापुड़. जिले की गुड़ मंड़ी में इन दिनों गुड़ की आवक अचानक से कम हो गई. इतना ही नहीं दामों में भी भारी उछाल आया है. उसकी बड़ी वजह है कि चीनी मिलों के शुरू होने के कारण किसानों का गन्ना अब क्रैशर पर नहीं जा रहा है. इतना ही नहीं फुटकर में डिमांड अधिक होने के कारण गुड़ के दामों में भी 500 रूपये करीब प्रति क्विंटल के हिसाब से बढ़ोत्तरी हुई है. यही वजह है कि हापुड़ जिले की नवीन मंड़ी में गुड़ की अचानक से आवक 20 से 30 फीसदी तक घट गई है.

गुड़ कारोबारी राकेश गोयल ने बताया कि पिछले साल की अपेक्षा इस साल गुड़ की आवक 25 से 30 प्रतिशत तक कम हुई है. उसकी वजह है कि गन्ना महंगा है और किसान अपना गन्ना अब गुड़ बनाने के क्रैशरों पर न देकर चीनी मिलों को सप्लाई कर रहे हैं. किसानों को चीनी मिलों पर गन्ने की फसल का अधिक मूल्य मिलता है. इतना ही नहीं गुड़ बनाने के लिए उसमें जो मसालों का इस्तेमाल किया जाता है, वह भी काफी महंगे आते हैं.

इसी के चलते कारोबारी गुड़ बनाने के काम में कम रूचि ले रहे हैं. जिसकी वजह से मंड़ी में गुड़ की आवक कम हुई है और प्रति क्विंटल के हिसाब से 500 रूपये भी बड़े हैं. राकेश गोयल ने बताया कि हापुड़ मंड़ी से गुड़ आसपास के जिलों के अलावा बाहर विदेशों तक सप्लाई होता है. यहां के गुड़ की डिमांड अधिक होने की वजह से मांग पूरी नहीं हो पा रही है, जबकि उत्पादन कम हो रहा है.

भारत के कई राज्यों तक होती हैं सप्लाईआपको बता दें कि हापुड़ जिले की नवीन मंड़ी में हापुड़ सहित मेरठ, बुलंदशहर, अमरोहा आदि से गुड़ आता है. सबसे अधिक गुड़ का उत्पादन मेरठ के गांव पांची, कुचेसर रोड चौपला पर होता है. यहां करीब 30 क्रैशरों पर गुड़ को तैयार किया जाता है. गुड़ की आवक कम होने की एक वजह यह भी है कि गन्ने की फसल का रकबा पिछले तीन सालों में पांच हजार हैक्टेयर तक कम हुआ है. जिले में चीनी मिलों के चालू होने से भी गुड़ कारोबार पर खासा असर पड़ा है. जहां पहले 15 से 17 गाड़ियां आती थीं, वहीं अब 12 से 15 तक ही रह गई हैं. यहां के गुड़ की सप्लाई बिहार, बंगाल, असम, गुजरात, राजस्थान, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, झारखंड आदि में हो रही है.
.Tags: Hapur News, Local18, Uttar pradesh newsFIRST PUBLISHED : December 6, 2023, 17:50 IST



Source link