Hand Hygiene Day Myths vs Facts Is sanitizer enough or soap and water better by Dr Narander Singla | Hand Hygiene Day: सैनिटाइजर या साबुन-पानी, हाथों की सफाई के लिए क्या है बेहतर?

admin

Hand Hygiene Day Myths vs Facts Is sanitizer enough or soap and water better by Dr Narander Singla | Hand Hygiene Day: सैनिटाइजर या साबुन-पानी, हाथों की सफाई के लिए क्या है बेहतर?



Hand Sanitizer Vs Soap and Water: इंफेक्शन वाली बीमारियों को रोकने के लिए हाथों की सफाई एक बेसिक प्रैक्टिस है. आपने कोरोना काल में डॉक्टर्स से सुना होगा कि बार-बार हाथ धोते रहें. खासकर साबुन और पानी से हाथ धोने की सबसे ज्यादा सलाह दी गई. साबुन के मॉलिक्यूल्स में कई बैक्टीरिया और वायरस, जिनमें नॉवेल कोरोनावायरस भी शामिल है, इनके चारों तरफ मौजूद लिपिड मेम्ब्रेन को तोड़ने की क्षमता होती है. ये एक्शन खास तौर से पैथोजेंस को खत्म कर देते हैं. जबकि बहता पानी त्वचा की सतह से गंदगी, चिकनाई और पैथोजेंस को फिजिकली क्लीन करने में मदद करता है. साबुन के साथ हाथों को आपस में रगड़ने की मेकेनिकस एक्शन भी गंदगी को हटाने में अहम रोल अदा करते हैं.

सैनिटाइजर या साबुन-पानी में बेहतर क्या है?
डॉ. नरेंदर सिंगला (Dr. Narander Singla), लीड कंसल्टेंट, इंटरनल मेडिसिन, सीके बिड़ला हॉस्पिटल, दिल्ली ने बताया कि से कई सिचुएशंस हैं जब साबुन और पानी साफ तौर से हैंड सैनिटाइज़र से बेहतर हैं. मिसाल के तौर पर, कुछ हार्मफुल जर्म्स, जैसे कि क्रिप्टोस्पोरिडियम (Cryptosporidium), नोरोवायरस (Norovirus) और क्लोस्ट्रीडियम डिफिसाइल (Clostridium difficile), पूरी तरह से हाथ धोने से ज्यादा असरदार ढंग से हट जाते हैं. ये पैथोजेंस सीवियर गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल डिजीज का कारण बनते हैं और अल्कोहल-बेस्ड हैंड सैनिटाइज़र द्वारा असरदार तरीके से न्यूट्रलाइज नहीं किए जा सकते हैं. 
इसके अलावा, हार्मफुल केमिकल जैसे कीटनाशकों को हटाने के लिए साबुन और पानी जरूरी हैं, जिन्हें सैनिटाइजर खत्म नहीं कर सकते हैं. इसके अलावा, अगर हाथ साफ तौर से गंदे, चिकने या मिट्टी लगे हों, जैसे कि बागवानी के बाद, भोजन खाने के बाद, या शौचालय का इस्तेमाल करने के बाद, तो सिर्फ साबुन और पानी ही पूरी तरह से सफाई सुनिश्चित कर सकते हैं.
इन जर्म्स के खिलाफ कम असरदार है सैनिटाइजरजबकि कम से कम 60% अल्कोहल वाले हैंड सैनिटाइजर एक कंवीनिएंट ऑप्शन के तौर पर काम कर सकते हैं, खासकर जब साबुन और पानी आसानी से न मिल पाए, लेकिन उनकी कुछ लिमिट्स हैं. इनमें नोरोवायरस और सी. डिफिसाइल जैसे खास जर्म्स के खिलाफ कम असरदार होना और अक्सर गलत तरीके से इस्तेमाल किया जाना शामिल है. हैंड सैनिटाइज़र के असरदार होने के लिए, इसे पर्याप्त मात्रा में लगाना चाहिए और हाथों में तब तक रगड़ना चाहिए जब तक कि वो पूरी तरह से सूख न जाएं, एक ऐसा कदम जिसे अक्सर अनदेखा कर दिया जाता है.
साबुन-पानी को दें तरजीहहालांकि हैंड सैनिटाइज़र कई मामलों में यूजफुल हैं, लेकिन जहां तक मुमकिन हो साबुन और पानी से हाथ धोने को प्रयोरिटी दी जानी चाहिए. टॉयलेट यूज करने के बाद, खाने से पहले और जब हाथ साफ तौर से गंदे या दूषित हों तो साबुन और पानी का सहारा लेना ही बेहतर है.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.



Source link