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भारतीय एयरोस्पेस रिसर्च लैबोरेटरी (HAL) और रूस ने भारत में यात्री विमान के उत्पादन के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।

भारत की सार्वजनिक क्षेत्र की विमानन और रक्षा कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) और रूस की पीजीएससी यूएसएसी (पीजीएससी यूएसी) ने डॉ डीके सुनील, एचएएल के प्रबंध निदेशक और मिस्टर वादिम बादेखा, पीजीएससी यूएसी के निदेशक की उपस्थिति में समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किए। पीजीएससी यूएसी रूस की एक राज्य स्वामित्व वाली कंपनी है, जो सुखोई, मिग और आईएल जैसे प्रसिद्ध विमानों का निर्माण करती है। इस विमान का पहला उड़ान 2008 में हुई थी और अब तक इसे महत्वपूर्ण संख्या में शामिल किया जा चुका है।

एचएएल के अनुमान के अनुसार, “अगले दस वर्षों में, भारतीय विमानन क्षेत्र को इस श्रेणी के लिए 200 से अधिक विमानों की आवश्यकता होगी, जो क्षेत्रीय संपर्क और भारतीय महासागर क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थलों की सेवा के लिए 350 विमानों की आवश्यकता होगी।” यह ‘आत्मनिर्भर भारत’ के सपने को पूरा करने की दिशा में एक कदम है। निर्माण के साथ-साथ निजी क्षेत्र को मजबूत करने और विमानन उद्योग में सीधे और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा करने में भी मदद मिलेगी।

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