Last Updated:June 17, 2025, 14:15 ISTPrayagraj News: संगम नगरी प्रयागराज में यमुना के तट पर स्थित प्राचीन और पौराणिक मनकामेश्वर मंदिर में भक्तों से पूरे कपड़े पहनकर आने का अनुरोध किया गया है. हाफ पैंट, मिनी स्कर्ट और स्लीवलेस कपड़े पहनने पर एंट्री…और पढ़ेंmankameshwar temple dress codeहाइलाइट्समनकामेश्वर मंदिर में ड्रेस कोड लागूहाफ पैंट, मिनी स्कर्ट और स्लीवलेस पर पाबंदीश्रद्धालु भारतीय परिधान में ही रुद्राभिषेक कर सकेंगेप्रयागराज: उज्जैन के महाकाल मंदिर की तर्ज पर अब संगम नगरी प्रयागराज में यमुना के तट पर स्थित प्राचीन और पौराणिक मनकामेश्वर मंदिर में भी ड्रेस कोड लागू कर दिया गया है. मंदिर में महिलाओं और युवतियों के छोटे और भड़कीले कपड़े पहनकर आने पर पाबंदी लगा दी गई है. इसके साथ ही साथ पुरुषों को भी शालीन कपड़े पहन कर मंदिर में आने का निर्देश जारी किया गया है. इसके अलावा, 11 जुलाई से शुरू हो रहे सावन मास में रुद्राभिषेक करने वाले श्रद्धालुओं के लिए भी ड्रेस कोड लागू कर दिया गया है. श्रद्धालु भारतीय परिधान में ही मंदिर में रुद्राभिषेक कर सकेंगे. महिलाएं साड़ी व सलवार सूट और पुरुष धोती कुर्ता पहनकर ही रुद्राभिषेक करेंगे. पेश है एक स्पेशल रिपोर्ट…संगम नगरी प्रयागराज में यमुना के तट पर स्थित कामेश्वर तीर्थ के रूप में प्रसिद्ध मनकामेश्वर मंदिर में श्रद्धालु भारतीय परिधान में ही अब रुद्राभिषेक कर सकेंगे. ऐसा इसलिए किया गया है ताकि लोग भारतीय परिधान पहनकर शालीनता के साथ मंदिर में प्रवेश करें. इससे पूजा-अर्चना के दौरान मन का भटकाव ना हो और श्रद्धालुओं को पूजा का पुण्य प्राप्त हो सके.
मनकामेश्वर मंदिर के महंत ब्रह्मचारी श्री धरानंद जी महाराज के मुताबिक ऐसा देखा जा रहा था कि मंदिर में महिलाएं और युवतियां मनचाहे कपड़े पहन कर पूजा के लिए मंदिर आ रही थीं. इससे लोगों का जहां एक ओर ध्यान भंग होता है, वहीं पूजा भी बाधित होती है. उनके मुताबिक इन्हीं छोटे कपड़ों की वजह से आज समाज में लव जिहाद की भी घटनाएं बढ़ रही हैं. इसलिए इस प्रवृति पर रोक लगाना बेहद जरूरी हो गया था.
उनके मुताबिक सावन के सोमवार और महाशिवरात्रि के पर्व पर मंदिर में भारी भीड़ होती है. इसलिए भी यह गाइडलाइन जारी की गई है कि महिलाएं सोने चांदी के ज्यादा आभूषण पहनकर मंदिर में ना आएं. क्योंकि इससे छिनैती का भी खतरा रहता है. साथ ही लोगों से अपील की गई है कि शिवलिंग के पास अधिक देर तक ना बैठें और पूजन के बाद तत्काल गर्भ गृह से बाहर निकलें.
मंदिर प्रशासन की ओर से जारी की गई गाइडलाइन में मंदिर परिसर में भी सेल्फी लेने और फोटो खींचने पर भी पाबंदी लगाई गई है. मंदिर के महंत ब्रह्मचारी श्री धरानंद जी महाराज के मुताबिक मंदिर की ओर से श्रद्धालुओं को निशुल्क धोती उपलब्ध कराई जाएगी जो रुद्राभिषेक के बाद उन्हें मंदिर प्रशासन को वापस करनी होगी.
वहीं मनकामेश्वर मंदिर में ड्रेस कोड लागू किए जाने के फैसले का यहां आने वाले श्रद्धालु भी स्वागत कर रहे हैं. महिला और पुरुष दोनों श्रद्धालुओं ने मंदिर प्रशासन के इस फैसले को सही ठहराया है. लोगों का भी यह कहना है कि मंदिर पूजा अर्चना की जगह है ना कि घूमने फिरने की जगह है. इसलिए यहां पर शालीन कपड़ों में ही आना चाहिए. इसके लिए महिलाओं के लिए जो भारतीय परिधान साड़ी और सलवार सूट है उसे पहन कर आना चाहिए. जबकि पुरुष भी पूरी तरह से शालीन कपड़ों में मंदिर में प्रवेश कर सकते हैं.
गौरतलब है, मनकामेश्वर मंदिर के बारे में मान्यता है कि सतयुग में यहां पर शिवलिंग स्वयंभू प्रकट हुए. भगवान शंकर कामदेव को भस्म करके यहां पर विराजमान हो गए. शिव पुराण, पद्म पुराण व स्कंद पुराण में इसका उल्लेख ‘कामेश्वर तीर्थ’ के रुप में मिलता है. त्रेता युग में भगवान राम वनवास जाते समय जब प्रयाग आए तो अक्षय वट के नीचे विश्राम करके इस शिवलिंग का जलाभिषेक किया था. कहा जाता है कि यहां सच्चे हृदय से आने वाले भक्तों की कामना स्वत: ही पूरी हो जाती है. मंदिर परिसर में ऋण मुक्तेश्वर महादेव भी विराजमान हैं. ऐसी मान्यता है कि इसकी स्थापना त्रेतायुग में भगवान सूर्यदेव ने की. यहां सच्चे हृदय से 51 दिनों तक दर्शन-पूजन से पितृ, आर्थिक सहित हर तरह के ऋण से मुक्ति मिलती है.Location :Allahabad,Uttar Pradeshhomeuttar-pradeshभूलकर भी मत जाना जींस-शॉर्ट्स में! इस मंदिर में अब इस पोशाक में मिलेगी एंट्री