हाइलाइट्स लिव इन को भारतीय समाज स्वीकार नहीं करतासुनीता की शादी प्रतिवादी रणवीर सिंह से हुई थीप्रयागराज. इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने इटावा की सुनीता देवी व उसके प्रेमी को सुरक्षा देने से इंकार कर दिया. हाईकोर्ट ने कहा कि दोनों अपने अवैध संबंधों पर हाईकोर्ट की मुहर चाह रहे हैं. कोर्ट ने कहा कि लिव-इन-रिलेशन एक ऐसा रिश्ता है जिसे भारत में कई अन्य देशों के विपरीत सामाजिक रूप से स्वीकार नहीं किया गया है. हाईकोर्ट ने कहा कि लिव इन को भारतीय समाज स्वीकार नहीं करता. कोर्ट ने याची पर 5 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. यह आदेश न्यायमूर्ति डॉ. कौशल जयेंद्र ठाकर और न्यायमूर्ति अजय त्यागी की खंडपीठ ने सुनीता दवी व अन्य की याचिका को खारिज करते हुए दिया है.
कोर्ट ने कहा कि भारत का संविधान लिव-इन-रिलेशन की अनुमति नहीं देता है, लेकिन यह याचिका अवैध संबंधों पर न्यायालय की मुहर प्राप्त करने के उद्देश्य से दायर की गई है. कोर्ट ने यह भी कहा कि सामाजिक नैतिकता की धारणा की बजाय व्यक्तिगत स्वाययत्ता पर ध्यान दिया जा सकता था, लेकिन दोनों के साथ रहने की अवधि कम है तो ऐसा नहीं किया जा सकता है.
यूपी के हाथरस में दर्दनाक हादसा: हरिद्वार से आ रहे कांवड़ियों को डंफर ने रौंदा, 6 भक्तों की मौत
मामले में याचियों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर अपनी सुरक्षा की मांग की थी. उनका तर्क था कि प्रतिवादी उन्हें परेशान कर रहे हैं. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान पाया कि याची सुनीता की शादी प्रतिवादी रणवीर सिंह से हुई थी. उसके बच्चे भी हैं. शिकायत थी कि याची का पति उसे उसके दोस्तों के साथ अवैध बनाने संबंध बनाने के लिए कहता था. इस वजह से उसने पति का साथ छोड़ दिया.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |Tags: Allahabad high court, Live in Relationship, UP news, UP policeFIRST PUBLISHED : July 23, 2022, 08:21 IST
Source link
South Africa pub attack leaves 9 dead, 10 wounded by gunmen
NEWYou can now listen to Fox News articles! Nine people were killed and at least 10 others wounded…

